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वाराणसी: प्राइवेट अनुभवी चिकित्सकों को 'चिकित्सा मित्र' बनाने की उठी मांग

यूपी के वाराणसी जिले में डॉ. राम मनोहर लोहिया चैरिटेबल ट्रस्ट ने लोहिया ट्रस्ट सभागार में बैठक की. इस दौरान प्राइवेट अनुभवी चिकित्सकों को 'चिकित्सा मित्र' बनाने की मांग की गई. ट्रस्ट के प्रमुख शिवकुमार गुप्ता ने कहा कि सेवाभाव से कार्य करने के बाद भी हमें झोलाछाप जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर मानसिक रूप से पीड़ित किया जाता है.

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चिकित्सा मित्र घोषित किए जाने की मांग

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Published : Oct 3, 2020, 3:19 PM IST

वाराणसी: वाराणसी सेवापुरी रोहनियां प्राइवेट और अनुभवी चिकित्सकों को मान्यता दिए जाने को लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया चैरिटेबल ट्रस्ट ने मोहनसराय स्थित ट्रस्ट के सभागार में बैठक का आयोजन किया. बैठक को संबोधित करते हुए ट्रस्ट के प्रमुख शिवकुमार गुप्ता ने कहा कि यूपी में प्राइवेट डॉक्टरों के बिना चिकित्सा सुविधाएं पूरी नहीं की जा सकती. प्रदेश के सुदूर अंचलों में चिकित्सा सेवा पर्याप्त है, जिन्हें केवल प्राइवेट चिकित्सा ही पूरा कर सकते हैं. सभागार में बैठक कर प्राइवेट अनुभवी चिकित्सकों को चिकित्सा मित्र बनाने की मांग की गई. आरएमपी चिकित्सा रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू किए जाने को लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया चैरिटेबल ट्रस्ट के लोगों ने सीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है.

'प्राइवेट अनुभवी चिकित्सकों को बनाया जाए चिकित्सा मित्र'
प्राइवेट डॉक्टरों का दुख बयान करते हुए शिवकुमार ने कहा कि यूपी में प्राइवेट डॉक्टरों के बिना चिकित्सा सुविधाएं पूरी नहीं की जा सकती है. प्रदेश के सुदूर अंचलों में चिकित्सा सेवा अपर्याप्त है, जिन्हें केवल प्राइवेट चिकित्सक ही पूरा कर सकता है. साथ ही कहा कि सेवाभाव से कार्य करने के बाद भी हमें झोलाछाप जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर मानसिक रूप से पीड़ित किया जाता है. प्रदेश सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जो प्राइवेट डॉक्टर 5 से 10 वर्षो तक प्रैक्टिस के आधार पर सेवा कर रहे हैं, उन्हें अनुमति प्रदान कर प्रशिक्षण दें और मान्यता प्रदान करें, जिससे हम लोग सम्मान जनक जीवन-यापन कर सकें.

वहीं बैठक में आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि आयुर्वेद रत्न वैद्य विशारद इलेक्ट्रो होम्योपैथिक पद्धति से चिकित्सा करने वाले डॉक्टरों को मान्यता प्रदान की जाए, ताकि प्रदेश में अपर्याप्त चिकित्सा सेवाओं को पूरा किया जा सके.

डॉ. अजयभान सिंह ने कहा कि प्रदेश में विगत कई वर्षों से बंद आरएमपी रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू किए जाए. साथ ही प्रदेश के लगभग 20 लाख अपंजीकृत चिकित्सकों को शिक्षा और सरकारी मेडिकल ट्रेनिंग के आधार पर चिकित्सा मित्र घोषित किया जाए. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि आरएमपी आयुर्वेदिक यूनानी इलेक्ट्रो होम्योपैथिक डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को सस्ता इलाज मुहैया करवा रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को इन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन को एक बार फिर से शुरू करना चाहिए. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा संबंधी सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए आरएमपी को फ्री मेडिकल ट्रेनिंग दिलाने की व्यवस्था कराएं, ताकि वे अच्छी तरह से लोगों का इलाज कर सकें.

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