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सावधान! डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने से कहीं ज्यादा खरनाक है डिहाइड्रेशन - प्लेटलेट्स कम

प्रदेश में डेंगू रोग का कहर लगातार जारी है. चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू में प्लेटलेट्स कम (low platelets in dengue) होने से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है मरीज को डिहाइड्रेशन. शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन से मरीज का ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य होने लगता है, साथ ही वह अचेत हो सकता है.

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Published : Nov 15, 2022, 11:20 AM IST

वाराणसी : प्रदेश में डेंगू रोग का कहर लगातार जारी है. चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू में प्लेटलेट्स कम (low platelets in dengue) होने से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है मरीज को डिहाइड्रेशन. शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन से मरीज का ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य होने लगता है, साथ ही वह अचेत हो सकता है. ऐसे में अगर सही समय पर शरीर को हाइड्रेट न किया जाए, तो डिहाइड्रेशन की यह स्थिति उसके लिए जानलेवा भी हो सकती है.



बता दें कि, इन दिनों वाराणसी में डेंगू के 300 से ज्यादा मरीज हैं. मरीजों की लगातार बढ़ती जा रही है. बढ़ती संख्या को देखते हुए जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल को डेंगू डेडीकेटेड अस्पताल घोषित कर दिया गया है. 230 बेड के शैय्या में 100 बेड आरक्षित कर दिए गए हैं. यही नहीं डेंगू के लार्वा को समाप्त करने के लिए सर्विलांस टीम का गठन किया गया है, जो शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लार्वा को नष्ट करने का काम कर रही है, लेकिन इन सबके बीच डेंगू से पीड़ित मरीजों को विशेष तौर पर सावधानी बरतने की भी जरूरत है. क्योंकि, बीमार होने की स्थिति में प्लेटलेट्स गिरने के साथ डिहाइड्रेशन की भी शिकायत हो रही है, जो काफी ज्यादा घातक है.



इस बारे में पंडित दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के फिजिशियन डॉ. श्रीतेश मिश्र कहते हैं कि डेंगू होने के बाद प्लेटलेट्स कम होने पर आमतौर पर लोग घबरा जाते हैं. ध्यान रखने वाली बात है कि मरीज के प्लेटलेट्स पर नजर रखें. 30 हजार से कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है. उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीज को स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में भूख, प्यास कम लगती है, इससे शरीर में कमजोरी आना सामान्य बात है. इसके अलावा तेज बुखार, डायरिया और उल्टी आदि से भी शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स काफी मात्रा में बाहर निकल जाते हैं. इससे भी डिहाइड्रेशन होना शुरू हो जाता है. वह बताते हैं कि आमतौर पर डेंगू के सभी मरीजों में प्लेटलेट्स थोड़े बहुत कम होते हैं. इसकी रिकवरी 8-10 दिन बाद स्वतः होने लगती है.



डाॅ. श्रीतेश कहते हैं कि डेंगू के बुखार के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए मरीज को हर दो घंटे पर एक गिलास ओआरएस घोल जरूर देना चाहिए, साथ ही समय-समय पर लिक्विड वाली चीजें जैसे नींबू-पानी, नारियल-पानी, छांछ आदि पिलाते रहना चाहिए, जिससे उनके शरीर में सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि का संतुलन बना रहे.


डाॅ. श्रीतेश कहते हैं कि तेज बुखार, सिर दर्द, मसल्स, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना, अधिक थकान प्लेटलेट्स कम डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं. बुखार से पीड़ित मरीज को डेंगू है या नहीं इसकी पुष्टि के लिए एलाइजा जांच करानी चाहिए. इस जांच में यदि डेंगू होने की रिपोर्ट आती है तो किसी चिकित्सक से सलाह लेकर फौरन उपचार शुरू करा देना चाहिए. कुछ लोग चिकित्सक से सलाह लेने की बचाए घरेलू उपचार करने लगते हैं. यह मरीज के लिए घातक हो जाता है.



डेंगू से बचाव के उपाय :डेंगू एक संक्रामक रोग है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. यह मरीज को छूने, उसके पास बैठने से नहीं होता. डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बचना बहुत जरूरी है. लिहाजा अपने आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकें. ऐसी जगह जहां मच्छर पनप सकते हैं वहां पानी न जमा होने दें, पुराने टायर, नारियल की खोल, प्लास्टिक बैग, गमले, कूलर में भी पानी जमा न होने दें. इतना ही नहीं मच्छरों से बचने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए, जैसे मच्छरदानी लगाना, पूरी बांह के कपड़े पहनना आदि का प्रयोग करें.

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