वाराणसी. लखनऊ में योगी 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कुल 52 मंत्रियों ने शपथ ली. इन मंत्रियों में बनारस एक ऐसा नाम है जो शायद चर्चा में ही नहीं था. न ही विधायक, न ही विधान परिषद के सदस्य होने के बावजूद योगी मंत्रिमंडल में वाराणसी के बीजेपी नेता दयाशंकर मिश्र को जगह दी गई है.
दयाशंकर मिश्र ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली है जो काशी के ब्राह्मणवादी समीकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि दयाशंकर मिश्र वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा से आते हैं और पहले कांग्रेस से दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके है.
दयाशंकर मिश्र ने 2014 में जब भाजपा में शामिल हुए थे तो 2017 में टिकट मिलने की उम्मीद पर पानी फिरा और फिर 2022 में भी जब टिकट कटा तो वह मायूस हो गए लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिणी विधानसभा से जीत कर आए डॉ. नीलकंठ तिवारी जो पिछली सरकार में मंत्री भी थे, उनको मंत्रिमंडल में शामिल न कर दक्षिणी विधानसभा से बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान बनाने वाले डॉक्टर दयाशंकर मिश्र को मंत्रिमंडल में जगह दी है. यह निश्चित तौर पर दक्षिण विधानसभा में नाराज चल रहे लोगों को बैलेंस करने की एक बड़ी रणनीति मानी जा रही है.
दयाशंकर मिश्र वैसे तो मध्यमेश्वर यानी विशेश्वरगंज इलाके के रहने वाले हैं लेकिन इन दिनों वह महमूरगंज इलाके में परिवार के साथ रहते हैं. उनके परिवार में इस वक्त सभी लोग बाहर ही थे लेकिन घर में बड़े भाई जटाशंकर मिश्र और कुछ सदस्य के साथ उनके पुराने मित्र भी मौजूद थे. ETV Bharat ने इस खास मौके पर दयाशंकर मिश्र के घर पहुंचकर परिजनों के साथ इस खुशी को साझा किया.
परिवार में खुशी का माहौल था. हालांकि होली बीत गई है लेकिन परिवार जन एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर इस खास दिन की बधाई देते दिखाई दिए. दयाशंकर मिश्र के बड़े भाई जटाशंकर मिश्र ने कहा कि राजनीति में कोई नहीं जानता कब किसको मौका मिलेगा. भावुक होकर उन्होंने अपने भाई को आशीर्वाद देते हुए जनता की उम्मीदों पर खरे उतरने के लिए कहा.
वहीं, दयाशंकर मिश्र के बचपन के मित्र अखिल अग्रवाल अपने बचपन के मित्र की इस उपलब्धि से बेहद खुश नजर आए. उनका कहना था कि बचपन से हम दोनों साथ थे. इस मौके का हम सभी को इंतजार था. आज जब 2 बार टिकट कटने के बाद दयाशंकर मिश्र को मंत्री पद मिला तो लगा जैसे वर्षों पुरानी मुराद पूरी हो गई.
घर की महिलाएं भी इस दिन का इंतजार बरसों से कर रहीं थीं. आज सभी को वह खुशी मिली जो शायद होली के मौके पर भी नहीं थी. गौरतलब है कि दयाशंकर मिश्र शिक्षक हैं और शिक्षक से मंत्री तक का सफर बेहद ही कठिन रहा है. साल 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी की शहर दक्षिणी विधानसभा से दयाशंकर मिश्र ने चुनाव लड़ा था. बहुत कम वोट के अंतर से वाह हारे थे. 2014 लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान वाराणसी पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी.
डॉ. दयाशंकर मिश्र ने हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद बीएचयू से बीएससी, एमएससी और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज में प्रवक्ता जीव विज्ञान के पद पर कार्य किया. राजकुमार इंटर कॉलेज भुजना में प्राचार्य पद पर कार्य किया. वर्तमान में डीएवी इंटर कॉलेज में प्राचार्य के पद पर कार्य कर रहे हैं.