वाराणसी:आज के दौर में बेटियों को बेटों से कम नहीं आंका जाता. बेटियों को बेटों के बराबर दर्जा देकर पढ़ाई से लेकर उनके करियर को संवारने तक का काम माता-पिता पूरी शिद्दत के साथ करते हैं. बेटियां भी बेटों से ज्यादा बढ़-चढ़कर हर काम में हिस्सा लेती हैं. वाराणसी में चार बेटियों के पिता ने अपनी मृत्यु के बाद बेटों की सारी रस्में निभाते हुए उन्हें मुखाग्नि देने की भी इच्छा जाहिर की थी, जिसे बेटियों ने बखूबी निभाते हुए समाज में एक मिसाल कायम की.
दअरसल वाराणसी विकास समिति की तरफ से संचालित निःशुल्क शव वाहिनी सेवा के संचालक सच्चिदानंद त्रिपाठी का गुरुवार को कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए अस्पताल में निधन हो गया, जिसके बाद उनकी शव यात्रा में बड़ी संख्या में विशिष्ट लोग शामिल हुए, लेकिन भीड़ में एक ऐसी तस्वीर सामने आई. समाज में बदलाव के संकेत देते हुए बेटियों को बेटों के बराबर होने की बात पर मुहर लगा दी.