वाराणसी: काशी के इतिहास में ऐसा पहली बार होने वाला है कि प्रसिद्ध देव दीपावली (Dev Deepawali in Varanasi) इस बार एक दिन पहले मनाई जाएगी, जिसका मुख्य कारण चंद्रग्रहण बताया जा रहा है. चंद्रग्रहण के ही कारण देव दीपावली और गंगा महोत्सव की तिथि में बदलाव किया गया है, जिससे खासा असर आयोजनों पर पड़ने के साथ ही वाराणसी के होटल कारोबारियों पर भी पड़ेगा.
जानकारी देते हुए संरक्षक गंगा सेवा निधि श्यामलाल देव दीपावली और गंगा महोत्सव (Dev Deepawali and Ganga Festival) की तिथि बदलने से होटल बुकिंग पर असर पड़ सकता है यानी चंद्रग्रहण लगने से होटल कारोबार पर भी ग्रहण लग सकता है. दरअसल, 8 तारीख की देव दीपावली को ध्यान में रखकर श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने होटलों की बुकिंग कराई है. वाराणसी के अधिकतर होटल उस दिन बुक हो चुके हैं. ऐसे में तारीख बदली है तो लोग शायद अपनी अब बुकिंग भी कैंसिल करा सकते हैं.
पर्यटकों को भेजी जा रही अग्रिम सूचना
होटल कारोबारी राहुल मेहता ने बताया कि हमारे पास अधिकतर बुकिंग्स दिल्ली और अन्य बड़े शहरों से आती है. सभी पर्यटकों को आज से ही देव दीपावली की तिथि में बदलाव की सूचना भेजी जा रही है. सूचना देने के बाद जैसी पर्यटकों की इच्छा होगी, जिसमें वो संतुष्ट हों हम वो सभी ऑप्शन उन्हें देंगे. उन्होंने बताया कि 8 नवंबर के हिसाब से 95 फीसदी होटलों की बुकिंग हो चुकी है. हम पर्यटकों को अच्छी सुविधा देने की कोशिश करेंगे. हालांकि इससे कारोबार पर असर पड़ सकता है.
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देव दीपावली 8 नवंबर को संभव नहीं है
केंद्रीय देव दीपावली समिति (Central Dev Deepawali Committee) के सदस्य श्यान लाल ने बताया कि हमने पंडित-विद्वानों से विचार विमर्श किया. इसके बाद ये निर्देश दिया कि देव दीपावली 8 नवंबर को किसी भी स्वरूप में संभव नहीं है. न तो सुरक्षा की दृष्टि से और न ही शास्त्र की दृष्टि से. इस दिन चंद्रग्रहण लग रहा है. हालांकि महाआरती का आयोजन और सजावट थोड़ा-बहुत किया जा सकता था. मगर वो भी नहीं हो पाएगा क्योंकि ये सिक्योरिटी नाइटमेयर भी हो जाएगा.
7 तारीख को देव दीपावली मनाई जाएगी
श्यान लाल ने बताया कि 7 नवंबर को 4 बजे से पूर्णिमा लग रही है, जो अगले दिन 4 बजे तक रहेगी. 7 तारीख को ही कार्तिक पूर्णिमा का सुयोग्य सुअवसर मिल रहा है. 7 तारीख को कार्तिक पूर्णिमा की देव दीपावली भव्यता के साथ मनाई जानी चाहिए. इसका परामर्श सभी विद्वानों ने लिखित और मौखिक रूप में दिया है.
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सभी समितियों ने मिलकर लिया फैसला
केंद्रीय देव दीपावली समिति, गंगा घाट पर आरती करने वाली समितियां, घाट से जुड़े फेडरेशन के लोगों (जिनमें होटल एसोसिएशन, गाइड, नाविक शामिल हैं) ने यह फैसला लिया है कि इतने बड़े आस्था के पर्व का आयोजन न होने से अच्छा है कि 7 नवंबर को ही इसका आयोजन कर लिया जाए.
ग्रहण का सूतक काल और चंद्रग्रहण की स्थिति
सूतक काल सुबह 8:10 बजे से शुरू हो रहा है और इसका अंत (मोक्ष) शाम 6:19 बजे हो रहा है. इससे स्नान, ध्यान और दान प्रभावित होता है. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में न तो हम आरती कर सकते हैं और न ही भोग लगा सकते हैं. काशी के आचार्यों का कहना है कि 7 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा दोपहर 3:54 से शुरू होगी और 8 नवंबर को दोपहर 3:53 तक रहेगी. उस दिन वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व है. 8 नवंबर को चंद्रग्रहण होने के कारण भोग और आरती संभव नहीं है.