वाराणसी:पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना के तहत पर्यटकों को गंगा घाटों की सुंदरता दिखाने के लिए राजघाट से अस्सी घाट तक क्रूज का संचालन किया जाएगा. यह क्रूज गोवा से चल चुका है, जो 20 दिन में बनारस पहुंचेगा. इस क्रूज में कुल 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.
गोवा से चला क्रूज 20 दिन बाद पहुंचेगा बनारस, राजघाट से अस्सी घाट तक संचालन - गंगा में क्रूज संचालन
वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई-नई योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में गंगा में एक और क्रूज चलाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. यह क्रूज गोवा से चलकर 20 दिन बाद बनारस पहुंचेगा.
भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही है. इसके तहत गंगा घाटों का सुंदरीकरण और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण किया जा रहा है. इस बाबत गंगा में एक और क्रूज चलाने की कवायद लगभग पूरी हो गई है. सोमवार को गोवा से क्रूज रवाना भी हो गया और लगभग 20 दिन बाद बनारस पहुंच जाएगा. यह क्रूज छह माह पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन परीक्षण और अनुमति नहीं मिलने के कारण गोवा में ही रुका था. इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग ने नवंबर माह में गोवा से क्रूज ले जाने की अनुमति दी थी. क्योंकि नवंबर से अप्रैल के बीच समंदर में उफान या लहरें कम होती हैं. इस क्रूज का संचालन राजघाट से अस्सी घाट तक होगा. यहां टिकट काउंटर भी बन कर तैयार हो गए हैं.
100 लोगों के बैठने की व्यवस्था
इस क्रूज में ऊपर और नीचे दोनों मंजिल पर बैठने की व्यवस्था की गई है. इस क्रूज में कुल 100 लोग बैठ सकेंगे. इस क्रूज में निचली मंजिली पूरी तरह वातानुकूलित है. क्रूज की सबसे बड़ी खासियत है कि चारों तरफ से खुला रहेगा, जिससे पर्यटकों को गंगा और घाटों की सुंदरता देखने में सहूलियत होगी.
राजघाट से अस्सी घाट तक होगा संचालन
राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आरबी सिंह ने बताया है कि पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत 10.71 करोड़ रुपये में राजघाट से अस्सी घाट तक क्रूज के संचालन की व्यवस्था की गई है. क्रूज गोवा से समुद्र के रास्ते केरल होते हुए कोलकाता पहुंचेगा. वहां से गंगा के रास्ते आगरा से बनारस तक का सफर पूरा करेगा.