वाराणसी: भारत सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन में लोग भले ही अपने घरों में हैं, लेकिन उनके सामने भुखमरी जैसी सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं और न ही वो पैसे कमा पा रहे हैं. ऐसे में उनके सामने अपना और अपने परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा है.
हालांकि इन लोगों तक सरकार व स्थानीय प्रशासन भोजन पहुंचा रहा है. फिर भी एक बड़ा तबका है, जो भूखे पेट सोने के लिए मजबूर हैं. ऐसे गरीब व असहाय लोगों के लिए इन दिनों सीआरपीएफ 95 बटालियन के जवान मसीहा बनकर सामने आए हैं.
सीआरपीएफ के घर-घर जाकर लोगों तक राशन पहुंचा रहे हैं और पूरे क्षेत्र को विसंक्रमित कर रहे हैं. साथ ही सीआरपीएफ के जवान लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही उनमें मास्क भी दे रहे हैं. इनके इस काम की लोग तारीफ कर रहे हैं.
'अंतिम सांस तक निभाएंगे अपना फर्ज'
जब ईटीवी भारत की टीम ने सीआरपीएफ कमांडेंट एनपी सिंह से उनके इस अभियान के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ये हमारा देश के प्रति फर्ज है और हम इसे अपनी अंतिम सांस तक निभाएंगे. लॉकडाउन के दौर में हमारे जवान अपनी ड्यूटी करने के साथ गरीबों की मदद कर रहे हैं, जिस पर हमें गर्व है.