वाराणसी:शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता के स्वरूप के दर्शन का विधान है. वाराणसी में मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान हैं. यहां मां स्कंदमाता का बागेश्वरी देवी मंदिर अति प्राचीन है. रात से ही यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है. मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है.
मां बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़, दर्शन से पूरी होती हैं मुरादें - नवरात्र 2019
नवरात्र के पांचवें दिन के मौके पर देवी स्कंदमाता के दर्शन-पूजन का विधान है. वाराणसी में मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान हैं. मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है. मान्यता है कि मां भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती हैं.
मां करती हैं भक्तों की मनोकामना पूरी
मां के दर्शन के लिए छात्रों की भारी भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि जो भी छात्र मां का दर्शन करता है, वह अपने पठन-पाठन में सफलता हासिल करता है. यहां मां को नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है. मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला और मिष्ठान भी भोग लगाया जाता है. इससे मां अपने भक्तों को सदबुद्धि और विद्या के अनुरूप वरदान देती हैं.
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बागेश्वरी दुर्गा मंदिर सैकड़ों वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है. शारदीय नवरात्र में इनके दर्शन का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं.