वाराणसी: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हुई भगदड़ में 2 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग जख्मी भी हुए थे. इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह और एक अन्य अधिकारी हैं. इन सबके बीच सोमवार को पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह वाराणसी पहुंचे. उन्होंने पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया और इसके बाद विश्वनाथ धाम का निरीक्षण करके यहां किए गए सुधारों के लिए क्राउड मैनेजमेंट के तरीकों की स्टडी की.
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि अलग-अलग पांच से छह मुद्दों पर मुख्य चर्चाएं हुई हैं, जिसमें अधिकारियों ने शिवरात्रि और सावन जैसे पर्व पर आने वाली लाखों की भीड़ के बावजूद सारी व्यवस्था सुदृढ़ होने को लेकर अपनी बातें पूर्व डीजीपी के सामने रखी. इसको लेकर उन्होंने बांके बिहारी मंदिर में भी ऐसा ही एक्शन प्लान तैयार करने की तैयारी की है.
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि जिस तरह से सावन के मौके पर 1 महीने तक करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया. यह अपने आप में रिकॉर्ड है और सबसे बड़ी बात यह है कि इतनी भीड़ के बाद भी कोई मिस मैनेजमेंट नहीं हुआ. कहीं कोई दिक्कत का सामना किसी श्रद्धालु को नहीं करना पड़ा.
वहीं, बांके बिहारी मंदिर में हुई घटना के बाद इस मामले की जांच कमेटी के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह वाराणसी पहुंचे थे. उन्होंने पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया और इसके बाद विश्वनाथ धाम का निरीक्षण करके इसमें किए गए सुधारों के लिए क्राउड मैनेजमेंट के तरीकों की स्टडी की. पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि इस स्टडी के दौरान कुछ प्वाइंट ऐसे मिले हैं, जिस पर वह अध्ययन करके उन मंदिरों पर लागू करने का प्लान तैयार करेंगे, जहां भीड़ बहुत ज्यादा होती है.