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भंडारा खिलाने के बहाने दिव्यांग बच्चे के साथ किया था कुकर्म, अब कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

वाराणसी के विशेष न्यायाधीश पॉस्को ने 11 वर्षीय दिव्यांग के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के आरोपी को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने दोषी को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

10 years rigorous imprisonment to the convict
10 years rigorous imprisonment to the convict

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Published : Aug 9, 2023, 10:16 PM IST

वाराणसी:जनपद के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट तृतीय शैलेंद्र सिंह की अदालत ने 11 वर्षीय दिव्यांग बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अभियुक्त नीलू शुक्ला को 10 साल की कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. साथ ही अदालत ने जुर्माने की राशि में से आधी राशि पीड़ित को दिए जाने का आदेश दिया है.

विशेष लोक अभियोजक संदीप कुमार जायसवाल के ने बताया कि सारनाथ थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी वादी का मुकदमा 7 मई 2018 कहा है. वादी ने बताया कि उसका दिव्यांग नाती शाम 7 बजे घर के दरवाजे पर खेल रहा था. इस बीच गांव का ही नीलू शुक्ला उसके पास पहुंच गया. जहां उसने दिव्यांग को भंडारा खिलाने के बहाने घर से पीठ पर बैठा कर ले गया. इसके बाद सलारपुर स्थित रेलवे क्रासिंग के पास सुनसान जगह दिव्यांग को ले गया. जहां उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया. वादी के परिजन उसे खोजते हुए रेलवे क्रासिंग के पास पहुंचे. जहां दिव्यांग को रोते हुए पाया गया. दिव्यांग ने अपने परिजनों को बताया कि नीलू ने उसके साथ गलत काम किया है. वहीं, अदालत ने अभियुक्त का कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में मानते हुए दोषी पाने पर उसे दंडित किया है.

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