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दारोगा की पत्नी को सफाईकर्मी ने कूड़ा फेंकने से किया मना तो थाने ले जाकर दी पिटाई, हंगामे के बाद दारोगा निलंबित - लहंगपुरा थाना क्षेत्र

वाराणसी में एक दारोगा ने एक सफाई कर्मचारी की पिटाई कर दी. इसके बाद सफाई कर्मियों ने वाराणसी नगर निगम पर पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है.

लहंगपुरा थाना क्षेत्र
लहंगपुरा थाना क्षेत्र

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Published : Jul 11, 2023, 5:18 PM IST

वाराणसी: कोतवाली थाने में तैनात एक दारोगा के द्वारा सफाईकर्मी को पीटे जाने का मामला सामने आया है. घटना सोमवार की बताई जा रही है. इसके बाद सफाई कर्मियों ने मंगलवार को वाराणसी नगर निगम पर पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. वाराणसी नगर निगम पर हुए प्रदर्शन के बाद इस मामले में पीड़ित की तरफ से दिए गए एप्लीकेशन और उत्तर प्रदेश सफाई मजदूर संघ को की गई शिकायत के बाद किए गए हस्तक्षेप की वजह से वाराणसी पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने आरोपी दारोगा को तत्काल सस्पेंड करते हुए पूरे मामले में जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है.

पीड़ित की तरफ से की गई शिकायत के मुताबिक, वाराणसी के चेतगंज वार्ड के लहंगपुरा थाना क्षेत्र में रहने वाली सुशीला देवी सफाई कर्मचारी हैं, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण उसका बेटा प्रदीप कुमार कार्य के लिए पहुंचा था. वह क्षेत्र में साफ-सफाई का कार्य कर रहा था. प्रदीप का आरोप है कि इस दौरान क्षेत्र में रहने वाले दारोगा निलेश कुमार की पत्नी ने घर के सेकंड फ्लोर से कूड़ा फेंका, जो सीधे प्रदीप के ऊपर आकर गिरा. इसके बाद प्रदीप ने उक्त महिला को कूड़ा नीचे आकर फेंकने की हिदायत दी.

इसके बाद मामला बिगड़ा और पत्नी के द्वारा फोन करने पर दारोगा निलेश कुमार सरोज मौके पर पहुंचे और सफाईकर्मी प्रदीप को थाने ले गए. उधर प्रदीप के परिजन काफी देर तक प्रदीप की खोजबीन करता रहे और न मिलने पर जब परिवार के लोग थाने पहुंचे तो प्रदीप को वहां पर काफी बुरी हालत में पाया. प्रदीप के परिजनों कहना है कि दारोगा ने अपने रसूख को दिखाते हुए थाने में पुलिस वालों के साथ मिलकर बड़ी बुरी तरह से प्रदीप की पिटाई की थी, जो कहीं से भी उचित नहीं है. मंगलवार को नगर निगम पहुंचे सफाई कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और मामले से नगर स्वास्थ्य अधिकारी को भी अवगत कराया.

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह का कहना है कि इस संदर्भ में पीड़ित की तरफ से दिए गए एप्लीकेशन के बाद पुलिस कमिश्नर से भी बातचीत की गई. उन्होंने पीड़ित की शिकायत पर उसका मेडिकल मुआयना कराते हुए दारोगा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है और इस प्रकरण में जांच के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी गई है, यदि पीड़ित की तरफ से कोई लिखित तहरीर थाने पर दी जाती है तो एफ आई आर दर्ज करके मामले की जांच भी की जाएगी.

पढ़ेंः illegal detention and extortion case: आगरा में अवैध हिरासत और वसूली कांड में दारोगा निलंबित

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