वाराणसी: जिले के रोहनिया राजा तालाब इलाके में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर (Transport City in Varanasi) में पिछले दिनों किसानों के प्रदर्शन के दौरान उन पर हुए लाठीचार्ज (Lathi Charge on Farmers) के मामले की मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट अश्विन कुमार की अदालत ने सुनवाई की. अदालत ने वाराणसी विकास प्राधिकरण (Varanasi Development Authority) के उपाध्यक्ष समेत सभी 11 अधिकारियों और 500 से ज्यादा पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश देते हुए इस मामले में किसानों को बड़ी राहत दी है.
वाराणसी के बैरवन में 16 मई को मोहन सराय किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद उर्फ छेदी पटेल और उनके साथी धरना प्रदर्शन करते हुए उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे. इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में कई किसानों को गंभीर चोट आईं. बड़ी संख्या में घायल किसानों का मेडिकल करवाने के बाद कार्रवाई की फोटो, वीडियो सहित सारे साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए कृष्ण प्रसाद की तरफ से वाराणसी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल, सचिव सुनील वर्मा तहसीलदार, जूनियर इंजीनियर, एसीपी वरुणा जोन, एसीपी रोहनिया सहित 11 नामजद अधिकारियों के अलावा वहां मौजूद 550 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने सारे सबूत और किसानों के बयान सुनने के बाद परिवाद दर्ज करने का आदेश दे दिया.
वादी पक्ष के वकील की तरफ से यह भी कहा गया था कि पुलिस इस मामले में यदि मुकदमा दर्ज भी करेगी तो एक तरफा कार्रवाई होगी. न्यायालय इस मामले को संज्ञान लेकर इस पर परिवाद दर्ज कर मुकदमा चलाएं, ताकि किसानों के साथ हुए अत्याचार के बाद उन्हें उचित न्याय मिल सके. फिलहाल अब इस मामले में आगे कोर्ट जल्द सुनवाई करेगा.