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नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे 11 लाख रुपये, फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले दो शातिर गिरफ्तार

फर्जी कॉल सेन्टर के जरिये साइबर ठगी (cyber fraud through fake call) करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत दो अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं को अपना शिकार बनाते थे.

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ऑनलाईन रोजगार साइबर ठगी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 15, 2023, 8:58 PM IST

साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र ने दी जानकारी

वाराणसी: साइबर क्राइम थाने की पुलिस टीम ने फर्जी कॉल सेन्टर के जरिये लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के सरगना सहित दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल, एटीएम, पासबुक, चेकबुक, कम्प्यूटर और लैपटाप और अन्य सामान भी बरामद किया है.

साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र ने बताया कि जौनपुर के रहने वाले श्रेयांस कुमार मिश्रा ने थाने में साइबर ठगी होने की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से नौकरी दिलाने के नाम पर श्रेयांस से करीब 11 लाख की ठगी की गयी थी. मुकदमा दर्ज कर मामले की पड़ताल की जा रही थी. जांच में रोहित कुमार और अतीत कुमार का नाम प्रकाश में आया. दोनों ही दिल्ली में कॉल सेंटर को ऑपरेट करते थे. साइबर थाने की पुलिस टीम ने दिल्ली से फर्जी कॉल सेंटर संचालक सहित 2 शातिर अपराधियों रोहित और अतीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

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प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि ऑनलाईन रोजगार की तलाश करने वाले युवा अपना रिज्यूम अलग-अलग वेबसाइटों पर डालते थे. साइबर अपराधी अपने कॉल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी दिखाकर उसमें नौकरी और कंसलटेंसी का कार्य दिखाते हुए रिज्यूम अपलोड किये हुए व्यक्तियों का डेटा प्राप्त कर लेते थे. इसके बाद साइबर अपराधी अपने कॉल सेंटर के टेलीकॉलर द्वारा इन व्यक्तियों को कॉल कर नौकरी से संबन्धित अपलोड रिज्यूम के संबन्ध में बातचीत कर उन्हें अपने झांसे में फंसाते थे. नौकरी देने के लिए एक फार्म भराकर उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाता था.

इस प्रक्रिया के तहत साइबर अपराधी रजिस्ट्रेशन फीस, एप्वाइंटमेंट फीस, वेरीफिकेशन फीस, बीमा फीस का हवाला देते हुए लोगों से लाखों रुपये की ठगी करते थे. पकड़े गये साइबर अपराधियों से गहन पूछताछ से पता चला कि ये लोग पहले कॉल सेंटर में और विभिन्न नौकरी देने वाले कंपनियों में टेलीकॉलर के रूप में काम कर चुके है. जहां से इन लोगों ने ठगी करने का तरीका सीखा है.

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