वाराणसी: 7 साल पुराने अन्याय प्रतिकार यात्रा के मामले में ज्योतिष पाठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास सहित 25 लोगों को एमपी एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है. इसके साथ ही सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी संपत्ति की कुर्की करने का आदेश पुलिस को दिया है. अदालत ने कहा है कि इस मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एडीसीपी काशी जोन पेश करें.
दरसअल, गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा 5 अक्टूबर 2015 को मैदागिन के टाउनहाल से दशाश्वमेध तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था. शाम करीब 4:30 बजे के लगभग गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड़ भड़क गया और गिरजाघर चौराहे की ओर भागा, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई. भगदड़ देख चौक से गोदौलिया की ओर बढ़ रही अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी भागने लगे.
उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी है और लाठीचार्ज कर दिया है. इसी बीच मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी. बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया. इसमें एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन और लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गईं. इस दौरान गोदौलिया तांगा स्टैंड पर कहीं से दो पेट्रोल बम भी फेंके गए. इससे आग और तेजी से फैली.