वाराणसी:वाराणसी में भ्रष्टाचार (Corruption in Varanasi) के मामले में बुधवार को अदालत ने सजा सुनायी. इस केस में दोषी अवर अभियंता को 3 साल कारावास की सजा (Junior engineer sentenced to 3 years imprisonment) सुनायी गयी. श्रमिकों को काम के बदले अनाज देने की योजना में प्रस्तावित कार्य न कराकर अभिलेखों में हेराफेरी करते हुए सरकारी खाद्यान्न काला बाजार में बेचकर धन का बंदरबाट करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अवनीश गौतम की अदालत ने धरौली, सिद्धार्थ नगर निवासी व बलिया जनपद के दुवहड़ में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के तत्कालीन अवर अभियंता ललित प्रसाद शुक्ला को दोषी पाते हुए तीन वर्ष के कठोर कारावास व एक लाख रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.
भ्रष्टाचार में दोषी तत्कालीन अवर अभियंता को 3 साल कारावास की सजा, एक लाख जुर्माना भी - काम के बदले अनाज योजना
बुधवार को वाराणसी में भ्रष्टाचार (Corruption in Varanasi) के मामले में दोषी तत्कालीन अवर अभियंता को 3 साल की सजा (Junior engineer sentenced to 3 years imprisonment) अदालत ने सुनायी. साथ ही अदालत ने एक लाख जुर्माना भी लगाया.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 23, 2023, 7:58 AM IST
अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक आलोक कुमार श्रीवास्तव ने पक्ष रखा. अभियोजन पक्ष के अनुसार विकासखंड दुवहड़, वलिया के अधिकारियों द्वारा वित्तीय वर्ष 1987- 88 व 1988-89 में सड़क निर्माण, सम्पर्क मार्ग, नाला-नाली, इंदिरा आवास, सुलभ शौचालय के निर्माण व मरम्मत तथा वृक्षारोपण आदि कार्यों को करने व कराने में श्रमिकों को काम के बदले अनाज देने की योजना में प्रस्तावित कार्य न कराकर या लक्ष्य से कम कराकर अभिलेखों में कार्य पूर्ण होना दिखाकर फर्जी मस्टर रोल तैयार करवाकर शासन द्वारा आवंटित खाद्यान्न न देकर काला बाजार में बेचकर प्राप्त धन का बंदरबाट कर लिया गया.
इस मामले में जांच के बाद दुवहड़ में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के तत्कालीन अवर अभियंता ललित प्रसाद शुक्ला को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान राधे सिंह ने बांसडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.