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वाराणसी: 'मानसिक रोगी था कोविड हॉस्पिटल की चौथी मंजिल से कूदने वाला शख्स'

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सर सुंदरलाल चिकित्सालय के कोविड वार्ड में भर्ती एक मरीज ने चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी है. एमएस प्रो. एसके माथुर ने मरीज को मानसिक रोगी बताया है.

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सर सुंदरलाल चिकित्सालय.

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Published : Aug 25, 2020, 2:49 AM IST

वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के कोविड वार्ड में भर्ती एक मरीज ने चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. इसके बाद एक मरीज का सोशल मीडिया पर चौथी मंजिल से कूदने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और जनसंपर्क अधिकारी के माध्यम से एमएस का वीडियो जारी किया गया.

अस्पताल प्रशासन ने जारी किया वीडियो.

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के एमएस प्रो. एसके माथुर ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के कोविड वार्ड मे भर्ती वाराणसी के फूलपुर निवासी 21 वर्षीय मरीज की चौथी मंजिल से कूदने से मृत्यु हो गई. इस मरीज़ को 16 अगस्त को मानसिक अस्वस्थता के कारण आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में लाया गया था, जहां संबंधित चिकित्सकों द्वारा उसकी जांच कर उसे चिकित्सा हेतु होल्डिंग एरिया में रखा गया. इलाज के दौरान नियमानुसार मरीज का सैंपल 19 अगस्त को कोविड परीक्षण के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट 22 अगस्त को पॉजिटिव आई और उसी दिन मरीज़ को कोविड वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया. भर्ती होने पर मरीज़ को साइकोसिस (मानसिक रोग) से ग्रसित पाया गया और उसका सम्बन्धित चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जा रहा था.

प्रो. माथुर ने बताया कि इस बीच मरीज का व्यवहार लगातार बहुत असामान्य था. वह बार-बार अपना बेड छोड़कर दूसरे मरीज़ों के पास जाता रहा. इसी दौरान 23 अगस्त को सुबह मरीज़ ने खिड़की से कूदने का प्रयास किया. उस समय मरीज़ को समझा बुझाकर वापस बेड पर लाया गया, उसे दवा दी गई और उसकी काउंसिलिंग की गई. साथ ही सम्बन्धित विशेषज्ञों द्वारा तत्परता से इलाज किया जाता रहा. उन्होंने कहा कि मरीज को कोविड का हल्का संक्रमण था, इसलिए उसके असामान्य व्यवहार को देखते हुए उसके परिजनों को सुझाव दिया गया कि अस्पताल आकर उसे संयत करें अथवा उसे घर पर ही क्वारंटाइन कर दवाएं देकर उसका इलाज करें.

प्रो. एसके माथुर ने बताया कि मरीज के परिवार ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि अस्पताल में ही उसका इलाज किया जाए. इस स्थिति में मरीज का इलाज सुचारु रूप से अस्पताल में चलता रहा. दुर्भाग्य से 23 अगस्त को रात्रि लगभग 11 बजे मरीज़ ने अस्पताल की खिड़की से छलांग लगा दी. घटना के उपरांत तुरंत उसे ट्रामा सेन्टर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि मरीज़ की मौत हो चुकी थी.

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