वाराणसी: कोरोना संकट के दौर में लोगों का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. लगभग हर सेक्टर में मंदी की स्थिति है. कोरोना के चलते ठप पड़ी औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियों का बनारस के बुनकरों पर भी बड़ा असर पड़ा है. साल 2020 में कोरोना संकट की शुरुआत होने के बाद लोगों का कारोबार ठप हो गया था, जिसके इस साल पटरी पर लौटने की उम्मीद थी. लेकिन, साल 2021 में हालात पहले से अधिक बेकाबू दिख रहे हैं. अप्रैल के महीने में शुरू हुए लगन और शादी-विवाह के सीजन से साड़ी कारोबारियों को बहुत ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन अब यह उम्मीद दोबारा टूटती जा रही है.
दिसंबर में ऑर्डर और फरवरी में सप्लाई की तैयारी
बनारस की साड़ियां देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध हैं. देश के हर कोने में इन साड़ियों की सप्लाई की जाती है. इनमें सबसे ज्यादा डिमांड पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के राज्यों से आती है. साल 2020 के अंत में कोरोना के मामले जब कम हुए तो 2021 के लगन सीजन में बाहरी राज्यों से साड़ियों के लिए ऑर्डर आना शुरू हो गए. ऑर्डर आने के बाद बुनकर जोर-शोर के साथ साड़ियों को तैयार करने में जुट गए. इतना ही नहीं, फरवरी के अंत तक माल तैयार भी हो गया, लेकिन मार्च के बाद कोरोना ने दोबारा कहर बरपाना शुरू कर दिया.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार ने शादी में महज 50 लोगों के आने की अनुमति दी. इसके बाद पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों ने शादियां कैंसिल कर दी या फिर उन्हें टाल दिया. इस बार के लगन सीजन से साड़ी कारोबारियों को व्यापार में अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद थी. उन्हें उम्मीद थी कि इस साल की कमाई से पिछले साल लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी, लेकिन कोरोना ने उनके इस कमाई के मौके पर पानी फेर दिया है.
इसे भी पढ़ें :कोरोना संक्रमण: बनारस में एक सप्ताह नहीं खुलेंगी बनारसी साड़ी की दुकानें