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वारणसी: महामना की बगिया में कोई नहीं रहेगा भूखा, मानस पुत्रों की मुहिम - बीएचयू

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लॉकडाउन के कारण बीएचयू परिसर में घूम रहे पशुओं को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वहीं छात्र गरीब, असहाय और पशुओं को खाना देने का काम कर रहे है.

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भूखे नहीं सोएंगे एक भी स्वान मानस पुत्रों ने ठाना

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Published : Apr 5, 2020, 6:55 AM IST

वाराणसी:कोविड-19 का प्रकोप पूरे विश्व में फैला हुआ है. भारत भी इससे अछूता नहीं इसलिए देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया है. फिर भी लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में गरीब लोगों के पास सरकार और सामाजिक संस्थान के द्वारा भोजन और खाने की सामग्री पहुंच रही है.

भुखमरी का शिकार हो रहे हैं पशु

पूर्वांचल का ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कहे जाने वाला काशी हिंदू विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है. यह विश्वविद्यालय 13 सौ एकड़ में बसा है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से विश्व विद्यालय बंद है. यहां के मेस बंद है. यहां पर बेजुबान जानवर भी बड़ी संख्या में है। यहां पर गायों को तो हरी घास मिल रही है, लेकिन स्वानों (कुत्तों) को कुछ खाने को नहीं मिल रहा है.

महामना सेना गरीब, असहाय की कर रही मदद

भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के मानस पुत्रों ने महामना सेना बनाया. महामना सेना इन दिनों जहां दिन में गरीब, असहाय की मदद कर रही है. वहीं शाम होते ही 13 सौ एकड़ में फैले विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों पर घूम घूमकर स्वानों को बिस्किट, दूध और पानी दिया जा रहा है.

पशुओं को खाना देने में छात्र भी कर रहे सहयोग
लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया हमारा विश्वविद्यालय बहुत ही बड़ा है. जहां पर बहुत से जीव विचरण करते हैं. हम महामना के मानस पुत्र होने के नाते हमारा दायित्व होता है कि इस बगिया में कोई भूखा ना सोए चाहे वह पशु हो या मानव इसीलिए हम लोग स्वानों को खोज कर भोजन करा रहे हैं. यह हमारी रक्षा भी करते हैं. हम निरंतर इस कार्य को जारी रखेंगे.

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