वाराणसीःकाशी हिंदू विश्वविद्यालय के मधुबन पार्क में लगी औरत की मूर्ति को लेकर विवाद छिड़ गया है. 15 अगस्त को कुछ लोगों ने इस मूर्ति को तिरंगे से ढक दिया था. जिसे लेकर विवाद मच गया है. 30 वर्ष पहले दिल्ली के कलाकारों द्वारा बीएचयू फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट और प्रोफेसरों न मिलकर इस मूर्ति को तैयार किया था. तब से यह मूर्ति यहां पर लगी हुई है. इसी प्रकार की एक और मूर्ति मधुबन पार्क में मौजूद है.
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इस मूर्ति का विवादों से पुराना नाता है, कई बार हिंदू छात्र संगठनों ने इस मूर्ति को प्रांगण से हटाने की मांग की है. इसी क्रम में वर्ष 2017 में जब प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति थे, तब उन्होंने इस मूर्ति को ढकवा दिया था. 1977 से यह मूर्ति विश्वविद्यालय के मधुबन पार्क में लगा है. उस समय के छात्रसंघ अध्यक्ष चंचल सिंह मूर्ति को तिरंगे कपड़े से ढके जाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा अगर इस तरह की बात है तो खजुराहो के मंदिर को बन्द क्यों नहीं किया. मूर्ति में एक औरत एक वृक्ष को अपने दोनों हाथ से बचा रही हैं. यह एक प्रतीक है और कलाकृति की एक शानदार नमूना भी. इसके साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए.
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