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SBI का संविदा कर्मचारी मृत पेंशनर के खाते से निकाले थे 9 लाख, ठगी के मामले में गिरफ्तार, - Contract worker Varanasi police arrested

वाराणसी के भारतीय स्टेट बैंक में KYC अपडेट करने वाला संविदा कर्मी को बड़े गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने योनो एप के माध्यम से मृत व्यक्ति के खाते से लगभग 9 लाख रुपये की ठगी की थी.

भारतीय स्टेट बैंक
भारतीय स्टेट बैंक

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Published : Mar 24, 2023, 9:15 PM IST

वाराणसी: मृतक पेंशनर के खाते से ठगी करने वाला भारतीय स्टेट बैंक का संविदा कर्मचारी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने आरोपी के पास से धोखाधड़ी के रूपयों, 3 मोबाइल फोन और एक लैपटाप भी बरामद किया है. पुलिस आरोपी युवक पर कानूनी कार्रवाई कर रही है.


दरअसल संध्या सिंह पुत्री स्व. रामेश्वर सिंह निवासी ग्राम चौरहट चंदौली ने साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी में मामला दर्ज कराई थी. आरोप था कि उसके पिता रामेश्वर सिंह यादव का 17 अप्रैल 2021 को कोविड की वजह से निधन हो गया था. उसकी माता सुनीता देवी एवं पिता रामेश्वर सिंह यादव का भारतीय स्टेट बैंक रामनगर में ज्वाइंट खाता है. संध्या सिंह ने बताया कि एक जुलाई 2022 को उक्त दोनों के बचत खाते की पासबुक बैंक से उसके माता पिता के संयुक्त बचत खाते से एक अक्टूबर 2021 से 15 जनवरी 2022 तक विभिन्न तिथियों में कुल एक लाख 73 हजार निकाल लिए गए हैं. इसके साथ ही बचत खाते से 9 अक्टूबर 2021 से 3 मार्च 2022 तक 6 लाख 86 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं. इस प्रकार कुल 8 लाख 59 हजार रुपये किसी ने जालसाजी कर निकाल लिया गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया था.


साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र ने बताया कि इस मामले गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ व पुलिस उप महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र अखिलेश कुमार चौरसिया, क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम अविनाश चन्द्र सिन्हा द्वारा निर्देशित किया गया था. साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया है.



प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी सुनील कुमार भारतीय स्टेट बैंक रामनगर की शाखा में बतौर इन्ट्री आपरटेर संविदा पर कार्य करता था. बैंक मैनेजर द्वारा बताये गये खातों की केवाईसी से सम्बन्धित डाटा इन्ट्री करता था. इसी दौरान उसने बंद पड़े खातों की जानकारी लेकर बैंककर्मियों के विश्वास का लाभ उठा लिया. वह लागिन किये गए सिस्टम से रामनगर के एक खाता रामेश्वर सिंह के नाम से पता किया था. जिनकी मृत्यु के बाद खाता की जानकारी लेने वाला कोई नहीं था. जब उसे विश्वास हो गया कि खाते का कोई जानकारी करने वाला नहीं है. इसके बाद वह फर्जी फार्म भरकर रामेश्वर सिंह का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर और पुराने फार्म से आधार कार्ड की प्रति लगाकर अपडेट करवा लिया. इसके बाद वह योनो एप के माध्यम से धीरे-धीरे 4 से 5 लाख रुपये निकाल लिया. उस पैसे को अपने पिता व घर परिवार को दे दिया. बाकी पैसा उधार देने और खाने पीने में खर्च कर दिया. इसी फ्राड से निकाले गए रुपये को पुलिस ने बरामद कर कानूनी कार्रवाई कर रही है.

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