वाराणसी: एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है. वहीं श्री काशी विश्वनाथ धाम सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए धीरे-धीरे धरातल पर उभरने लगा है. भारत सरकार की तरफ से जारी की गई सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए निर्माण करने वाली कंपनी पीएसपी के इंजीनियर अधिकारी और मजदूर दिन रात कार्य को पूर्ण करने में जुटे हैं.
श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम जोरों पर, मुख्य भवनों का निर्माण कार्य शुरू
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में निर्माण कार्य करने वाली कंपनी पीएसपी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण करने में जुटी है. इस प्रोजेक्ट में करीब 155 मजदूर और 5 इंजीनियर लगाए गए हैं.
श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण करने वाली कंपनी इस समय धाम के कुल छह अलग-अलग भवनों पर तेजी से काम कर रही है. इसमें मंदिर चौक, मंदिर परिसर, यात्री सुरक्षा केंद्र नंबर तीन, यात्री सुरक्षा केंद्र नंबर दो, स्प्रिचुअल बुक स्टोर, जलपान केंद्र के साथ ही गंगा किनारे बनने वाले घाट और जेट्टी वर्क डेवलपमेंट का कार्य कर रही है. पीएसपी प्रोजेक्ट लिमिटेड की ओर से इस समय कुल 155 मजदूर और 5 इंजीनियर लगाए गए हैं. साथ ही लोक निर्माण विभाग की ओर से चार अधिकारी मानकों का पालन कराने और क्वालिटी कंट्रोल के लिए तीन से चार अधिकारी नियमित कार्य कर रहे हैं.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि मानकों के आधार पर प्रतिदिन मजदूरों को कार्यस्थल पर पहुंचने से पहले उनको फेस मास्क, ग्लब्स पहनने के बाद हैंड वॉश, फुल बॉडी सैनिटाइजिंग कराकर ही मंदिर में कार्य पर लगाया जाता है. इसके अलावा हर 2 घंटे पर उनको हैंडवॉश और हैंड सैनिटाइजर करने के लिए भेज दिया जाता है. हर कर्मचारी और मजदूर एक दूसरे से कम से कम 2 मीटर की दूरी पर रहकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं. कार्य पर आने से पहले गेट पर ही उनकी थर्मल स्कैनिंग कराई जाती है. यहां तक कि दोपहर में लंच होने के बाद जब दोबारा भी कर्मचारी कार्यस्थल पर पहुंचते हैं, तब भी यह सारी प्रक्रिया अपनाई जाती है.