वाराणसी: मोदी सरकार की तरफ से नए कृषि कानून बनाए जाने के बाद इसे लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है दिल्ली बॉर्डर पर देश भर से बड़ी संख्या में किसानों की जुटान हुई है. जिसे लेकर राजनैतिक दल भी अब इसका लाभ लेने में जुटे हुए हैं. 8 दिसंबर को भारत बंद का आवाहन विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ किसानों ने किया है. जिसे सफल बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियां आज से ही जुड़ गई हैं.
भारत बंद को सफल बनाने के लिए वाराणसी की सड़कों पर उतरी कांग्रेस - varanasi congress workers
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज सुबह ही शहर के अलग-अलग इलाकों में घूमकर लोगों से कल दुकानें बंद रखने की अपील की है. साथ ही कांग्रेसियों ने दीवारों पर 8 दिसंबर भारत बंद होने के पोस्टर चस्पा कर पंपलेट भी बांटे हैं.
किसानों के समर्थन में उतरे कांग्रेसी
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज सुबह ही शहर के अलग-अलग इलाकों में घूमकर लोगों से कल दुकानें बंद रखने की अपील की है. साथ ही कांग्रेसियों ने दीवारों पर 8 दिसंबर भारत बंद होने के पोस्टर चस्पा कर पंपलेट भी बांटे हैं.
जिले की सबसे बड़ी सब्जी मंडी कहे जाने वाले चंदवा सब्जी मंडी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सब्जी और फल विक्रेताओं के बीच पहुंचकर कल हर हाल में दुकानें बंद रखने की अपील की है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि जिस तरह से सरकार ने किसान विरोधी कानून बनाकर किसानों को नुकसान पहुंचाया है, वह बर्दाश्त नहीं होगा इसलिए लॉकडाउन में जब 6 महीने तक दुकानें बंद की जा सकती हैं तो 1 दिन अपने प्रतिष्ठान बाजार बंद रखकर किसानों का समर्थन करना बेहद अनिवार्य है, क्योंकि यह अन्नदाता है और धरती के भगवान हैं जब किसानों के सामने संकट होगा तो देश भी संकट में खड़ा हो जाएगा. इसलिए सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करना जरूरी है. लगाए पोस्टर बांटे पंपले
टकिसानों के समर्थन में कल बाजार बंद रखने की अपील करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां पर पोस्टर लगाए और पंपलेट भी बांटे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि सभी से अपील की जा रही है कि कल अपनी दुकानें बंद कर एक दिन का समर्थन अन्नदाताओं को दें ताकि मोदी सरकार को यह समझ में आए कि सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि पूरा देश उनके साथ समर्थन में खड़ा है और यह तीन कृषि कानून तैयार किए गए हैं उन्हें तत्काल वापस लिया जाए, ताकि किसानों को हो रहा नुकसान खत्म हो और किसान सड़कों से हटकर खेतों में जाकर फिर से काम करें.