वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है. कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया था. इस मामले में पूर्व और वर्तमान छात्रों ने विश्वविद्यालय के विजिटर एवं राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कुलपति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
हिंदी भाषी छात्रों द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर पर राजभाषा हिंदी और हिंदी विरोधी होने का आरोप लगाया गया है. राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी छात्रों द्वारा पत्र की कॉपी भेजी गई. बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर आक्रोश मार्च निकाल कर इसका विरोध किया. करीब डेढ़ सौ से अधिक पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर भी किए हैं. छात्रों का दवा है कि 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं और प्रोफेसरों के हस्ताक्षर की प्रति दोबारा राष्ट्रपति को भेजी जाएगी.