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कमिश्नर ने अधिकारियों संग की बैठक, कृषि उत्पादों के प्रमोट पर किया मंथन - राजातालाब पेरिशेबल कार्गो अपग्रेड

वाराणसी में कमिश्नर और डीएम ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक मेंकृषि उत्पादों के प्रमोट और एक्सपोर्ट को बढ़ाते हुए पूरे देश के लिए मॉडल के रूप में विकसित करने पर मंथन किया गया.

अधिकारियों के साथ बैठक करते कमिश्नर और डीएम
अधिकारियों के साथ बैठक करते कमिश्नर और डीएम

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Published : Dec 17, 2020, 3:17 AM IST

वाराणसी: कमिश्नर दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को अधिकारियों के साथ कमिश्नरी सभागार में बैठक की. इस दौरान कृषि उत्पादों के प्रमोट और एक्सपोर्ट को बढ़ाते हुए पूरे देश के लिए मॉडल के रूप में विकसित करने पर मंथन किया गया. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बनारस कृषि उत्पादों के निर्यात का हब बन रहा है. यहां कृषि निर्यात के लिए व्यापक स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग के कार्य तेजी से हो रहे हैं. बनारस सहित आसपास के क्षेत्रों मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और गोरखपुर तक के कृषि, सब्जी उत्पाद के निर्यात का बनारस केंद्र बन रहा है.

राजातालाब पेरिशेबल कार्गो को किया जाएगा अपग्रेड
बैठक में कमिश्नर ने बताया कि राजातालाब पेरिशेबल कार्गो को अपग्रेड किया जाएगा. अभी यहां सब्जी के स्टोरेज, ट्रेडिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग आदि से लगभग 5000 किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं. एयरपोर्ट पर कोल्ड सम तैयार है. मिनी पैकेजिंग हाउस बनेगा. उन्होंने बताया कि निर्यात होने वाली सब्जियों की टेस्टिंग के लिए लेबोरेटरी को चावल अनुसंधान केंद्र (इरी) में कराने हेतु संभावना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि एयरवेज से यूरोपीय कंट्री में तथा जल मार्ग से गल्फ कंट्री में निर्यात के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर व व्यवस्थाएं की जाएंगी. इससे बनारस और उत्तर प्रदेश सीधे निर्यातक होगा. स्थानीय लोगों को कृषि निर्यात के लिए प्रमोट किया जाएगा. अभी एक एपीओ की निर्यात का लाइसेंस दिलाया गया. इसे और प्रमोट किया जाएगा. एपीओ धान खरीद, गेहूं खरीद की एजेंसी के रूप में कार्य कर लाभ कमा सकेंगे. निर्यात होने वाले सामान का बनारस से ही कस्टम क्लीयरेंस की व्यवस्था कराने पर भी चर्चा हुई. इसके लिए उच्च स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.

ऑर्गेनिक खेती बढ़ाने पर दिया जाएगा जोर
कमिश्नर ने कहा कि ऑर्गेनिक खेती बढ़ाने पर और जोर दिया जाएगा. एपीओ हर ब्लॉक में बनेंगे. इसकी शुरुआत सेवापुरी ब्लाक से की जाएगी. किसानों के प्रशिक्षण, फील्ड विजिट, एपीओ बनाने के लाभ, ऑर्गेनिक खेती, निर्यातक बनाने की प्रक्रिया आदि की जानकारी देकर प्रमोट व कैपेसिटी बिल्डिंग होगी. उन्होंने बताया कि बनारस में निर्यात के लिए हवाई मार्ग, जलमार्ग, यही पैकेजिंग, यही टेस्टिंग, यही कस्टम सर्टिफिकेशन, किसानों को क्वालिटी सीड की उपलब्धता, बेहतर स्टोरेज व्यवस्था, स्थानी निर्यातक बढ़ाने, अधिक से अधिक किसानों की रजिस्ट्रेशन कर सुविधाएं उपलब्ध कराने आदि समस्त इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यवस्थाओं पर तेजी से कार्य हो रहा है.

उन्होंने कहा कि बनारस निर्यात का हब बनने के साथ पूरे देश के लिए मॉडल होगा. वर्तमान में लंगड़ा आम, दशहरी आम, टमाटर, हरी मिर्च और काला चावल आदि उत्पाद समय-समय पर विदेशों में निर्यात हो रहे हैं. यहां सब्जी, फल, कृषि उत्पाद की व्यापक संभावना है, जिसे गुणवत्ता युक्त उत्पाद कराकर बड़े स्तर पर निर्यात कराकर किसानों की आय और बनारस की इकोनॉमी में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकेगी.

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