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हरिश्चंद्र घाट की CNG शवदाह मशीन हुई खराब - खराब हुई सीएनजी शवदाह मशीन

हरिश्चंद्र घाट पर संचालित सीएनजी शवदाह गृह गुरुवार को फेल हो गया, जिससे शवों के अंतिम संस्कार में दिक्कत आ गई. दूर-दराज से शवों को लेकर घाट पर आए लोग काफी परेशान दिखे. शवदाह मशीन खराब होने की वजह ओवर हीटिंग बताई जा रही है.

हरिश्चंद्र घाट
हरिश्चंद्र घाट

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Published : Apr 23, 2021, 2:23 AM IST

वाराणसीः कोरोना संक्रमण के कारण हर जगह भयावह स्थिति देखने को मिल रही है. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल रहे हैं, तो घाटों पर शव के अंतिम संस्कार के लिए भी घंटों लाइन लग रही है. गुरुवार को हरिश्चंद्र घाट पर स्थित सीएनजी शवदाह गृह के दोनों चैंबर खराब हो गए, जिससे वहां पर शवदाह को लेकर अफरा-तफरी मच गई.

हरिश्चंद्र घाट की शवदाह मशीन फेल.

गर्म होने से आई खराबी
बताया जा रहा है कि सीएनजी शवदाह कई दिनों से लगातार चल रहा है. एक चैंबर काफी गर्म हो गया था, जिसके बाद उसको बंद कर दिया गया. थोड़ी देर बाद दूसरा चैंबर भी बंद हो गया. फिर दोनों चैंबर काफी देर तक चालू नहीं हो पाया.

सीएनजी शवदाह गृह में लगता है 500 रुपये
हरिश्चंद्र घाट पर स्थित सीएनजी शवदाह गृह में संक्रमित मरीजों के शवों को जलाया जा रहा है. इसकी कीमत जिला प्रशासन ने मात्र 500 रुपये तय की है. बनारस सहित आसपास के जिलों से लोग संक्रमित डेड बॉडी को लेकर यहां आ रहे हैं, जिसकी वजह से मशीन पर लोड ज्यादा बढ़ गया है.

देर रात हो सकता है ठीक
ईटीवी भारत से ऑनलाइन बातचीत में नोडल अधिकारी अजय राम ने बताया कि लगातार अंतिम संस्कार के कारण सीएनजी शवदाह गृह के दोनों चैंबर गर्म होने के कारण बंद हो गए. कुछ तकनीकी खराबी आई है जिसे गुरुवार रात तक ठीक कर दिया जाएगा.

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नगर निगम ने किया लोगों की मदद
मशीन खराब होने के बाद हरिश्चंद्र घाट पर अफरा-तफरी का माहौल मच गया, जिसके बाद नगर निगम ने 500 रुपये में लकड़ी से शवों का अंतिम संस्कार कराया. नगर निगम ने चौधरी समाज के दो परिवारों से समझौता किया है. उनके परिवारों को एक संस्कार के लिए नगर निगम 6500 रुपये देगा.

घंटों करना पड़ा इंतजार
संक्रमित मरीज की डेड बॉडी लेकर आए सुभाष ने बताया कि मैं सुबह से आया हूं. काफी देर बाद पता चला कि मशीन खराब है. फिर लकड़ी से जलाने में नंबर लगा. अभी तीन डेड बॉडी के बाद मेरा नंबर आएगा. एक डेड बॉडी को जलने में लगभग 2 घंटे से ज्यादा का समय लगेगा. यहां पर इस तरह की व्यवस्था है कि अंतिम संस्कार में पूरा दिन लग जा रहा है.

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