काशी में सीएनजी बस चलाने की जानकारी देते वाराणसी परिवहन विभाग क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा वाराणसीःकाशी मेंपर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शहर को ग्रीन कॉरिडोर में विकसित किया जा रहा है. इसके साथ ही शहर और गांवों की कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया जा रहा है. इस कनेक्टिविटी के लिए वाराणसी में सीएनजी बसों को चलाने का निर्णय लिया गया है, जो मुख्य रूप से ग्रामीण अंचल के रूटों से जुड़ी हुई होगी.
परिवहन विभाग ने शहर को ग्रामीण अंचलों से जोड़ने , पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने, और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक के बाद सीएनजी बसों का संचालन किया जाएगा. खास बात यह है कि ये बसें भी इलेक्ट्रॉनिक बस की तरह स्मार्ट होंगी, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. सीएनजी होने के कारण इसमें किराए भी कम होगा.
क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि 'अभी वर्तमान में हम लोग 50 इलेक्ट्रॉनिक बसों और लगभग 150 डीजल बसों का संचालन कर रहे हैं. वाराणसी में पर्यटकों की दृष्टि से ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए डीजल बसों की संख्या कम की जा रही है. इसी के तहत अब सीएनजी बसों को उपलब्ध कराया जाएगा. इस बस को लाने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचल के रूट को कनेक्ट करना है, जिससे वहां के लोगों को भी सुविधा मिल सके. टाइम टू टाइम कनेक्टिविटी शहर से बन सके और इसके साथ ही ग्रीन एनर्जी के कांसेप्ट को भी मेंटेन किया जा सके.'
क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि पहले फेज में कुल 30 बसों का संचालन किया जाएगा. इसमें यह बसें उन रूट पर चलेंगी जहां वर्तमान में अभी इलेक्ट्रॉनिक बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसमें राजातालाब, पड़ाव, रामनगर, आजमगढ़, लंका इत्यादि रूट शामिल होंगे. बता दें कि वर्तमान में जनपद में 130 डीजल और 48 इलेक्ट्रॉनिक बसों का संचालन हो रहा है. वहीं, डीजल बसों की स्थिति बेहद बदहाल है. इस बदहाली को दूर करने के लिए मार्च तक शहर में 50 नई इलेक्ट्रॉनिक बसों को लाने की योजना है, इसके बाद लगभग 100 इलेक्ट्रानिक बसों का भी संचालन वाराणसी शहर में किया जाएगा.
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