वाराणसी: 2 दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे सीएम योगी ने सिगरा स्थित रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मोदी@20 किताब का विमोचन किया. यह किताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 साल के राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों पर आधारित है.
इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 'हम सभी आह्लादित है गौरवान्वित हैं. दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार भारत के भारत के लोकप्रिय पीएम मोदी जी के 20 वर्ष के उस सार्वजनिक कार्यप्रणाली की इस पुस्तक को विमोचन करके, जो समाज के अलग अलग तबके से जुड़े लोगों ने प्रस्तुत किया. मोदी @20 जो मोदी जी की कार्यपद्धति पर है.
सीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया में वैश्विक मंच पर जहां कोई नीति निर्धारित हो रही है, बिना भारत के हो ही नहीं सकती. 19 में जब लोक सभा चुनाव में बीजेपी उतरी तब जनता ने एक स्लोगन लिखा. तब लोगों ने कहा था मोदी है तो मुमकिन है वो उन्होंने कर के दिखाया. भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था हो रहा है. आज भारत आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़ा है. मुझे लगता है कि इस देश में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जिसे कोई सरकारी कार्यक्रम इस तरह मनाने का मौका मिला. हर घर तिरंगा इसका उदाहरण है. इसी तरह दुनिया की भारत पांचवी अर्थव्यवस्था बने वो भी उस ब्रिटेन को पछाड़ कर, जिसने हम पर राज किया. आज उसको हमने पीछे कर दिया.
सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सामान्य दिनों में कोई व्यक्ति कुछ बोल सकता है. लेकिन दुनिया ने देखा सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान अकेले दुनिया के सबसे बड़े नेता मोदी जी ने पहले दिन से मंत्र देने शुरू किए. जनता कर्फ्यू 22 मार्च 2020 का हर घर ताली बजाने ताली पीटने के कार्यक्रम घर घर हुए. लॉकडाउन्न के दौरान कैसे काम करना है यह भी बताया.
सीएम ने कहा कि हर देश परेशन था लेकिन भारत ने इस दौर में भी वैक्सीन देकर मदद की. हर साल यूपी में जुलाई स्व नवम्बर तक 1977 से बच्चो की मौत का सिलसिला इंफेटिलाइटिस से होती थी. पहले जो सत्ता में थे उन्होंने इस बीमारी का कोई इलाज नहीं तलाशा. 1998 में जब मैं सांसद बना तब इसकी आवाज उठाई. 1905 में इस बीमारी की वैक्सीन आई और भारत को 100 साल बाद मिली. आज कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण है और वैक्सीन लोगों को मिली. अब नारे नहीं जमीनी धरातल पर काम दिखता है. एक भारत श्रेठ भारत के तौर ओर देखा है. आज भारत पर कोई उंगली नहीं उठा सकता. एक एक योजना का लाभ समाज के अंतिम पायदान के बैठे व्यक्ति को मिल रहा है.