वाराणसी : सनातन धर्म की परंपरा में अन्नदान को पवित्र दान के रूप में देखा जाता है. अन्न को ब्रह्म के रूप में रख दान को पवित्र माना गया है. रामायण से लेकर अन्य कई ग्रंथों में इसके उदाहरण मिलेंगे. यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वाराणसी स्थित श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में अन्न क्षेत्र के उद्घाटन पर कहीं. सीएम अपने दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे हैं. बता दें कि ट्रस्ट की तरफ से संचालित की जाने वाली इस सोई में छात्रों के अलावा काशी आने वाले भक्तों और सैलानियों को मुफ्त में भोजन की सुविधा मिलेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने परोसा भोजन :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर मंगलवार को वाराणसी पहुंचे. वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हेलीपैड पर उतरे और सड़क मार्ग से दुर्गाकुंड स्थित श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय पहुंचे. यहां अन्न क्षेत्र का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने यहां पर बनाए गए किचन में पहुंचकर खाना तैयार करने की मशीनों को देखा. साथ ही खाना तैयार करने वाले कारीगरों से भी मुलाकात की. योगी आदित्यनाथ ने यहां मौजूद अंध विद्यार्थियों के अलावा साधु संतों और अन्य लोगों को भोजन परोसा.
अन्न के महत्व को बताया :सीएम योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि सनातन धर्म की परंपरा अन्न दान को पवित्र दान के रूप में देखती है. अन्न को ब्रह्म के रूप में रख कर इस दान को पवित्र दान माना गया है. रामायण से लेकर अन्य कई ग्रंथों में इसके उदाहरण मिलेंगे. जिस व्यक्ति ने कभी जीवन में कोई दान नहीं किया है और अच्छे पुण्य कर्म क्यों न रहे हों, उसमें कभी आत्म संतुष्टि का भाव पैदा नहीं होता. भले उसको स्वर्ग का राज्य क्यों न मिल जाए. उन्होंने कहा कि अन्न नाम के महत्व को एक भारतीय से ज्यादा और कोई नहीं समझ सकता.
सीएम ने कहा- प्रधानमंत्री ने दिव्यांगों को दिलाया सम्मान :सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक नई दृष्टि दी है. जिन्हें हम पहले विकलांग कहते थे, जिन्हें समाज उपेक्षित मानता था, परिवार के लोग जिन्हें एक प्रकार से त्याग कर देते थे, उन्हें दिव्यांग कहकर के प्रधानमंत्री ने उनके जीवन और समाज को एक नई दृष्टि दी है. कहा कि हमारी धर्मार्थ और सामाजिक संस्थाएं समाज के प्रति और राष्ट्र के प्रति अगर अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन प्रारंभ कर देंगी तो फिर कहीं भी अभाव के लिए कोई जगह नहीं होगी. राम राज्य की स्थिति होगी. गीता प्रेस की कल्याण पत्रिका ने घर-घर सनातन धर्म और नैतिक मूल्यों पहुंचने का कार्य किया.