वाराणसी: आज संत रविदास की जयंती है. इस मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ वाराणसी के संत रविदास मंदिर पहुंचे. जहां पहुंचकर उन्होंने संत रविदास की प्रतिमा के आगे अपना माथा टेका और पूजा अर्चना की. इस दौरान उन्होंने साधु संतों से बात भी की और लंगर भी खाया, यूपी चुनावों के बीच सीएम योगी का यहां पहुंचना राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं, वाराणसी को संत रविदास की जन्मस्थली माना जाता है. योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह वाराणसी में संत शिरोमणि गुरु रविदास की जयंती के मौके पर पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने मंदिर में रविदास जी की प्रतिमा के आगे अपना मत्था टेका. दर्शन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सभी को रविदास जयंती की बधाई दी और कहा कि उनकी सरकार यहां के विकास काम के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले सीएम योगी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और अपने आने की जानकारी दी थी. उन्होंने ट्वीट किया कि आज मैं वाराणसी के 'सीर गोवर्धनपुर' में पूज्य संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुऊंगा. आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में भाजपा की डबल इंजन की सरकार उनकी पावन जन्मस्थली के समग्र विकास हेतु पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है.
वहीं, आज सुबह से ही वाराणसी के संत रविदास मंदिर में सियासी जमघट लगा हुआ है. सुबह सूर्योदय से पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी यहां दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे और उसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां पहुंच दर्शन किए. बता दें कि यूपी से लेकर पंजाब तक की सियासत में काशी के रविदास धाम की अपनी खास अहमियत है. यही कारण है कि इन दिनों जब चुनाव सिर पर है तो हर सियासी पार्टियां यहां पूजा कर दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में आज सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही कई दलों के बड़े नेता यहां दर्शन के लिए आए.
दलितों के वोट बैंक के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले संत रविदास मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सियासी समीकरण साधने की पूरी कोशिश की. यहां पर मुख्यमंत्री ने लगभग 20 मिनट से ज्यादा का वक्त बिताया और संत रविदास के चरणों में पूरी तरह से नतमस्तक दिखाई दिए.