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दान की किताबों से बढ़ेगा ज्ञान का भडांर, वाराणसी नगर निगम के प्रयास से शुरू होगी बंद लाइब्रेरी - वाराणसी की खबरें

वाराणसी नगर निगम ने कोविड-19 बंद के दौरान बंद हो चुकी एक लाइब्रेरी को फिर से शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है. बुक बैंक की तर्ज पर इस लाइब्रेरी को पुनः स्थापित करके दान की किताबों से ज्ञान के भंडार बढ़ाने की तैयारी की गई है.

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दान की किताबें

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Published : Apr 16, 2022, 7:51 PM IST

वाराणसी: कहते हैं किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होतीं हैं. बस उनको अपनी जिंदगी में शामिल करने की जरूरत है. किताबों का जिंदगी में आना एक तरफ जहां आपके जीवन को बदलने का काम करता है तो वहीं आपके ज्ञान के भंडार को भी बढ़ाता है. कई बार किताबों के दूर होने की वजह से इसकी कमी महसूस होने लगती है. इसी कमी को महसूस करते हुए वाराणसी नगर निगम ने कोविड-19 बंद के दौरान बंद हो चुकी एक लाइब्रेरी को फिर से शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है. बुक बैंक के तर्ज पर इस लाइब्रेरी पुनः स्थापित की जाएगी. यहां दान की किताबों से ज्ञान के भंडार को बढ़ाने की तैयारी की गई है.

नगर आयुक्त प्रणय सिंह

वाराणसी को सर्व विद्या की राजधानी कहा जाता है. यहां ज्ञान और ज्ञान देने वालों की कमी नहीं है. कहते हैं बनारस में हर चट्टी-चौराहे पर आपको ज्ञानियों से महफिल सजी मिल ही जाएगी. लेकिन इन ज्ञानियों के साथ बहुत से ऐसे भी हैं जो किताबों को अपना सच्चा दोस्त मानकर इनसे अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ाने की कोशिश करते हैं. इसके लिए पहले तो बहुत सी लाइब्रेरी हुआ करतीं थीं लेकिन समय के साथ लाइब्रेरी का महत्व कम होता गया. अब गिनी चुनी लाइब्रेरी ही संचालित हो रहीं हैं.

ऐसी ही एक लाइब्रेरी बनारस के नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने शहीद उद्यान में बनाई गई थी. इसका मकसद था यहां आने वाले लोगों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करवाना. साथ ही जरूरतमंद छात्रों को किताबें मुहैया कराकर उनकी पढ़ाई में मदद करना. हालांकि 2019 के अंत में कोविड-19 के दौरान लगभग 2 साल तक लगातार इस लाइब्रेरी पर ताला लगा रहा. अब एक बार फिर से नगर निगम इस लाइब्रेरी को पुनः संचालित करने की तैयारी कर रहा है.

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नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि शहीद उद्यान में संचालित होने वाली लाइब्रेरी को पुनः खोलने के लिए कई लोगों ने गुहार लगाई है. डिमांड को देखते हुए इस लाइब्रेरी को पुनः स्थापित करने की तैयारी की जा रही है. इसके अतिरिक्त बनारस के कुछ अन्य स्थानों पर भी नगर निगम की तरफ से ऐसी ही लाइब्रेरी खोली जाएंगी जो लोगों को किताबें पढ़ने के साथ ही जरूरतमंद छात्रों को किताबें भी मुहैया कराने का काम करेंगी.

नगर आयुक्त ने बताया कि यह कांसेप्ट लोगों को काफी पसंद आया था. इसे आगे बढ़ाने में नगर निगम पूरी मदद करेगा. वहीं, इस कांसेप्ट में बदलाव करते हुए यहां दान की किताबों से ज्ञान का भंडार बढ़ाने की कवायद की जाएगी. जो लोग पुरानी किताबें वह रद्दी समझकर रखते हैं, वह यहां पर आकर अपनी किताबों को दान दे सकेंगे. लोगों को जरूरत की किताबें मुहैया कराने के साथ साहित्य संगीत और अलग-अलग कक्षाओं की किताबें रखते हुए एक बेहतर लाइब्रेरी तैयार करने का कार्य किया जाएगा. बुक बैंक की तर्ज पर संचालित लाइब्रेरी लोगों के लिए भी एक निर्धारित वक्त तक खुली रहेगी. फिलहाल इस लाइब्रेरी को नगर निगम पीपीपी मॉडल के रूप में संचालित करने की प्लानिंग कर रहा है.

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