वाराणसी: कहते हैं किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होतीं हैं. बस उनको अपनी जिंदगी में शामिल करने की जरूरत है. किताबों का जिंदगी में आना एक तरफ जहां आपके जीवन को बदलने का काम करता है तो वहीं आपके ज्ञान के भंडार को भी बढ़ाता है. कई बार किताबों के दूर होने की वजह से इसकी कमी महसूस होने लगती है. इसी कमी को महसूस करते हुए वाराणसी नगर निगम ने कोविड-19 बंद के दौरान बंद हो चुकी एक लाइब्रेरी को फिर से शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है. बुक बैंक के तर्ज पर इस लाइब्रेरी पुनः स्थापित की जाएगी. यहां दान की किताबों से ज्ञान के भंडार को बढ़ाने की तैयारी की गई है.
वाराणसी को सर्व विद्या की राजधानी कहा जाता है. यहां ज्ञान और ज्ञान देने वालों की कमी नहीं है. कहते हैं बनारस में हर चट्टी-चौराहे पर आपको ज्ञानियों से महफिल सजी मिल ही जाएगी. लेकिन इन ज्ञानियों के साथ बहुत से ऐसे भी हैं जो किताबों को अपना सच्चा दोस्त मानकर इनसे अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ाने की कोशिश करते हैं. इसके लिए पहले तो बहुत सी लाइब्रेरी हुआ करतीं थीं लेकिन समय के साथ लाइब्रेरी का महत्व कम होता गया. अब गिनी चुनी लाइब्रेरी ही संचालित हो रहीं हैं.
ऐसी ही एक लाइब्रेरी बनारस के नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने शहीद उद्यान में बनाई गई थी. इसका मकसद था यहां आने वाले लोगों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करवाना. साथ ही जरूरतमंद छात्रों को किताबें मुहैया कराकर उनकी पढ़ाई में मदद करना. हालांकि 2019 के अंत में कोविड-19 के दौरान लगभग 2 साल तक लगातार इस लाइब्रेरी पर ताला लगा रहा. अब एक बार फिर से नगर निगम इस लाइब्रेरी को पुनः संचालित करने की तैयारी कर रहा है.