वाराणसीः स्मार्ट क्लास का जिक्र आते ही हम सबके मन में कॉन्वेंट स्कूल के हाई-फाई प्रोजेक्टर वाले स्मार्ट क्लास रूम की छवि दिमाग में आती है. आज हम आपको ऐसे प्राइमरी स्कूल के बारे में बताएंगे, जहां स्मार्ट क्लास बहुत ही बेहतर तरीके से संचालित हो रही हैं. जिले में स्थित प्राइमरी स्कूल देखने में इतना खास है कि हर किसी का ध्यान आकर्षित करता है. सरकारी स्कूल की स्मार्ट क्लास में विभिन्न प्रकार के कार्टून, कैरेक्टर, मॉडल और पोस्टर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया और समझाया जाता है. यहां के बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में परचम लहराकर स्कूल और अपने जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.
यहां कार्टून-मॉडल बनाकर पढ़ते हैं बच्चे, अनूठे हैं रूम
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित प्राइमरी स्कूल कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देता है. इस स्कूल में बने स्मार्ट क्लास रूम में शिक्षकों के सहयोग से बच्चे वेस्ट मटेरियल से कार्टून और विभिन्न मॉडल बनाते हैं. बच्चों को इन्हीं कार्टून और मॉडल की सहायता से शिक्षक अंग्रेजी, गणित जैसे कठिन विषय को आसानी से पढ़ाती हैं.
कार्टून कैरेक्टर की सहायता से बच्चे पढ़ते हैं गणित
सरकारी स्कूल की अध्यापिका सुनीता दीक्षित ने बताया कि गणित और विज्ञान को लेकर के बच्चे सबसे ज्यादा कंफ्यूज होते हैं. हम सब एक कार्टून कैरेक्टर के माध्यम से बच्चों के इस डर को दूर करते हैं और उन्हें पढ़ाते हैं. विभिन्न प्रकार के वेस्ट मटेरियल से एक कार्टून कैरेक्टर बनाया है. इसमें गणित से संबंधित सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है. इससे बच्चों को पढ़ने और समझने में काफी आसानी मिलती है.
बच्चे वेस्ट मटेरियल से बनाते हैं पढ़ने-लिखने का सामान
शिक्षक वन्दिता पांडेय ने बताया कि हमारी प्राथमिकता होती है कि हम सब कम पैसे और सीमित संसाधन में ही पढ़ने लिखने के सामानों को बनाएं और बच्चों की रुचि पैदा करे. इस वजह से हम सब बच्चों से ही वेस्ट मटेरियल मंगाते हैं और फिर उनकी सहायता से ही विभिन्न प्रकार के सामानों को बनवाते हैं. हमने बच्चों से ही चंद्रयान, मंगलयान, प्रकाश संश्लेषण इत्यादि मॉडल बनवाया. इससे बच्चों में रुचि भी जगी और उन विषयों के बारे में वह बेहतर तरीके से जानने भी लगे.
करके सीखने की प्रक्रिया पर दिया जाता है बल
इसी स्कूल के एक अन्य शिक्षिका ने बताया कि हम सब करके सीखने की प्रक्रिया पर ज्यादा बल देते हैं. जिससे बच्चे कठिन विषय को भी आसानी से समझ व पढ़ सकें. इससे बच्चों का संपूर्ण विकास होता है. गौरतलब हो कि कि बनारस के किसी एक प्राइमरी विद्यालय के स्मार्ट क्लास की स्थिति नहीं है.अपितु लगभग प्राइमरी विद्यालयों में इस प्रकार के स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं. इससे बच्चे खेलकूद और विभिन्न प्रकार के मॉडलों को बनाकर अपनी पढ़ाई को और बेहतर तरीके से करते रहे.