वाराणासी: भारत को चांद पर उतारने का सपना भारतीय वैज्ञानिकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने देखा और इसके लिए प्रयास शुरू कर चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर भेजा भी गया, लेकिन आखिरी समय पर विक्रम लैंडर का सम्पर्क इसरो से टूट गया और यह मिशन अधूरा रह गया. अब वाराणसी के बच्चों ने एक बार फिर से चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.
बच्चों ने तैयार किया चंद्रयान-3 का कॉन्सेप्ट. वाराणसी में आने वाले दिनों में चंद्रयान 3 किस रूप में चंद्रमा तक पहुंचेगा, इसे लेकर दुर्गा पूजा के मौके पर पूजा पंडाल में भविष्य के चंद्रयान 3 की छवि दिखाई देगी. इसकी तैयारी दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से की गई है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस दुर्गोत्सव समिति के पदाधिकारियों के बच्चों ने चंद्रयान का यह रूप तैयार किया है. इस पूजा पंडाल के अंदर का दृश्य चंद्रयान में एस्ट्रोनॉट्स की मौजूदगी को भी दिखाएगा.
दुर्गा पूजा में दिखेगी चंद्रयान-3 की झलक
- जैतपुरा इलाके के रहने वाले राजन जायसवाल के परिवार के 4 बच्चों और उनके दोस्तों ने दुर्गा पूजा पंडाल को चंद्रयान-3 की तरह बनाया है.
- इसके लिए इन बच्चों ने खास तौर पर मिशन 2021-22 चंद्रयान-3 के लिए विक्रम लैंडर और 6 एस्ट्रोनॉट बनाए हैं.
- इन 6 एस्ट्रोनॉट में से एक एस्ट्रोनॉट महिला का भी है.
- बच्चों ने घर के वेस्ट लकड़ी, फोम, लोहा, खिलौनों, मोबाइल, कपड़े, तारों, पाइप से बनाया है.
- दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से पूजा पंडाल को इस बार चंद्रयान-3 का रूप दिया जा रहा है.
- बीते साल जब दुर्गा प्रतिमा बनाने वाला मुख्य कारीगर काम छोड़कर चला गया था, तो इन्हीं बच्चों ने मूर्ति बनाने का काम किया था.
- बीते वर्ष भी बच्चों ने अनाज के दानों से दुर्गा और अन्य भव्य प्रतिमाएं तैयार की थीं और इस बार बच्चों ने चंद्रयान-3 की तर्ज पर कुछ नया करने की ठानी है.
इस मूर्ति को तैयार करने में कक्षा 5 से लेकर ग्रेजुएशन लेवल तक के बच्चों का बड़ा योगदान है. मूर्ति तैयार करने वाले कक्षा 7 के पार्थ ने बताया कि हमारा प्रयास है कि दो एस्ट्रोनॉट हम पंडाल के अंदर फिट करेंगे, जो हवा में मूवमेंट करेंगे. बाकी 4 बाहर मूवमेंट में रहेंगे. इसरो चीफ के. शिवन का स्टेच्यू बाहर इसे ऑपरेट करता दिखेगा.
बच्चों का कहना है कि घरवालों की डांट से बचकर हम चारों भाइयों ने इसे मिलकर बनाया है. पीएम मोदी के सपने को साकार करने के लिए हमारी प्रार्थना मां दुर्गा से है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस टीम में चार एस्ट्रोनॉट में से एक एस्ट्रोनॉट महिला है. बच्चों का कहना है कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं. कल्पना चावला की तरह पंडाल में एक महिला एस्ट्रोनॉट भी रहेगी. एस्ट्रोनॉट की बॉडी पर एक स्क्रीन रहेगा, जो लाइटिंग के जरिये लोगों को वास्तविकता का आभास कराएगा.