वाराणसीःशैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक महीना बीता चुका है. बच्चे तो स्कूल जा रहे हैं लेकिन उनके पास अभी तक बैग और ड्रेस नहीं हैं. वाराणसी में करीब एक लाख से अधिक बच्चों का सत्यापन नहीं हो सका है, जिससे उन्हें शासन से 1,200 रुपये मिलने में समस्या आ रही है. इन्हीं पैसों को छात्रों के अभिभावक के खातों में डायरेक्ट ट्रांसफर (direct transfer) किया जाता है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद प्रदेश भर के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को कपड़े, स्वेटर, जूता-मोजा और बैग देने का तरीका बदल गया है. शासन ने डायरेक्ट ट्रांसफर प्रणाली (direct transfer system) अपनाई है यानी जो खर्च आने वाला है उसका एक अनुमानित मूल्य बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में डायरेक्ट भेज दिया जाता है. शासन ने कुल 1,200 रुपये भेजना निर्धारित किया है.
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (direct benefit transfer) योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) की तरफ से छात्र-छात्राओं का डाटा व अभिभावकों के बैंक खातों का सत्यापन शासन को करना था. वहीं, 31 जुलाई तक 1 लाख 61 हजार छात्र-छात्राओं का सत्यापन किया जा चुका है और शासन को भेज भी दिया गया है, लेकिन अब भी 1 लाख 17 हजार छात्र-छात्राओं के डाटा का सत्यापन नहीं हो सका है.