वाराणसी:बेंगलोर में 28 जुलाई को होने वाले 44वें चेस ओलंपियाड की रिले टॉर्च पीएम मोदी ने दिल्ली से रवाना की थी. जो प्रयागराज होते हुए सोमवार को वाराणसी पहुंची. इसका भव्य स्वागत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ के सभागार में किया गया. इस दौरान इंडिया चेस फेडरेशन के चेयरमेन संदीप कपूर ने कहा कि आजादी के बाद ये पहला मौका है जब ये ओलंपियाड करने का अवसर मिला है. इस ओलंपियाड से भारत में शतरंज की तस्वीर बदलने वाली है, जैसे 1983 के क्रिकेट की बदली है.
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ सभागार में 44वें ओलंपियाड की रिले टॉर्च प्रोग्राम का भव्य आयोजन किया गया. प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति आनंद कुमार त्यागी, इंडिया चेस फेडरेशन के चेयरमेन संजय कपूर, चेस फेडरेशन के जिला अध्यक्ष अजय राय और वाराणसी क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह शामिल हुए. ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के अध्यक्ष संजय कपूर ने काशी विद्यापीठ के कुलपति व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी को टॉर्च दी, जिसे उन्होंने ग्रैंड मास्टर तेजस बाकरे और आवंतिका अग्रवाल को सौंपी.
कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने बताया कि चेस ओलंपियाड टॉर्च का काशी विद्यापीठ में स्वागत करने का अवसर हम लोगों को मिला है. इस आयोजन से युवाओं में चेस के प्रति रुचि बढ़ेगी. चेस की शुरुआत हिंदुस्तान से शुरू हुई. लेकिन, यह पहला मौका है जब हम लोगों को इस तरह से आयोजन करने का मौका मिल रहा है. रिले टॉर्च देश के 75 जिलों से होते हुए 28 जुलाई को चेन्नई के महाबलीपुरम पहुंचेगी. 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई में आयोजित 44वें शतरंज ओलंपियाड प्रतियोगिता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय की ओर से 19 जून को एक टॉर्च रैली निकाली गई है.