वाराणसी: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय शुक्रवार को वाराणसी में संत समिति की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे. इस दौरान चंपत राय ने यह स्पष्ट किया कि श्री राम मंदिर निर्माण में सरकारी तौर पर किसी नेता का पैसा नहीं लगाया जाएगा. ETV BHARAT से बातचीत करते हुए चंपत राय ने कहा कि 14 जनवरी मकर संक्रांति से मंदिर निर्माण के लिए देश की आधी आबादी को जोड़ने का अभियान शुरू होगा. मकर सक्रांति से 27 फरवरी तक 11 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचकर धन संग्रह किया जाएगा.
जल्द सामने आएगी नींव की तस्वीर
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर कि नींव बहुत मजबूत हो दीर्घायु हो इसलिए भारत के बड़े इंजीनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिकों की टीम इस पर कार्य कर रही है. आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी मुंबई, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सूरत, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की, टाटा और एलएनटी के इंजीनियर सामूहिक विचार-विमर्श में लगे हुए हैं. नेशनल टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद की टीम ने मंदिर निर्माण स्थल जमीन की 200 फीट गहराई तक अध्ययन किया है. सरयू नदी के जल प्रवाह की अंतरंग धरती के नीचे का भी अध्ययन किया जा रहा है. संभावना है कि मकर संक्रांति तक परिस्थितियों के आधार पर एक मजबूत, दीर्घायु नींव सामने आ जाएगी और इस पर काम शुरू हो जायेगा.
निर्माण में मिल रहे मंदिर को तोड़े जाने के सबूत
चंपत राय ने कहा कि श्रीराम मंदिर की जमीन में गहराई तक बालू मिला है और 70 मीटर तक भुरभुरा बालू है. इससे साफ होता है कि मंदिर कई बार तोड़ा गया है. खुदाई के दौरान पचास-पचास फीट का मलबा अंदर से मिल रहा है. नदियों का जल प्रवाह कभी न कभी यहीं था. यह इसरो के फोटोग्राफ्स बता रहे हैं. इसलिए उनके फोटोग्राफ और तकनीकी बातों को मिलाकर एक ड्राइंग नींव की तैयार की जाएगी. सीमेंट की आयु 150 साल होती है. इसलिए सीमेंट की आयु को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है, ताकि 300 से 400 साल तक वह मजबूत रहे. मंदिर का ड्राइंग का प्रारूप बड़ा किया गया है.
मंदिर के डिजाइन में बदलाव
ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि अब मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा बनेगा. वहीं जमीन से शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर में कुल तीन मंजिल होंगे. लगभग चार लाख घनफुट पत्थर लगेगा. मंदिर में दर्शन कर लिए जाने वाले लोगों को 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी. यह सड़क से ऊंचा लेवल होगा. बुजुर्ग व दिव्यांग लोगों की सुविधाओं पर विचार किया जा रहा है. इन लोगों के लिए लिफ्ट और रैम्प की व्यवस्था भी होगी. मंदिर का परकोटा (बाउंड्री) 5 एकड़ के आसपास होगा.
3 वर्ष में तैयार होगा मंदिर
चंपत राय ने बताया कि श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद 3 वर्ष में समाज की संतुष्टि के लायक सामने रख सकेंगे. जनवरी में काम शुरू होने पर दिसंबर 2023 तक मंदिर का स्वरूप सामने आ जाएगा. यह मंदिर हिंदुस्तान की अस्मिता और राष्ट्र का गौरव है. हिंदुस्तान ने विदेशियों के साथ लड़ाई लड़ी है, लेकिन सरेंडर कभी नहीं किया है. इसलिए जन्मभूमि का मंदिर हिंदुस्तान की संघर्ष गाथा है. चंपत राय ने कहा कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट चाहता है कि करोड़ों लोगों की कमाई का पैसा श्रीराम मंदिर में जरूर लगे. लोग अपने पॉकेट एक्सपेंसेस को बचाकर इसमें योगदान करें. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता देश के कोने-कोने तक 11 करोड़ परिवारों के साथ संपर्क करेंगे. उन्होंने कहा कि भगवान राम के द्वारा बनाए गए जिस हिसाब से गिलहरी का योगदान था. वैसा ही योगदान पूरे देश के नागरिकों पर होगा.
3 लाख से अधिक कार्यकर्ता करेंगे धन संग्रह
चंयत राय ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के निधि संग्रहण का अभियान 14 जनवरी से शुरुआत होगी और माघ पूर्णिमा 27 फरवरी तक चलेगा. 11 करोड़ घरों में जाने के लिए लाखों कार्यकर्ता काम करेंगे. एक 1 महीने के लिए नवयुवक गांव में जाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं. मंदिर यानि भगवान का घर अंग्रेजी में कहा जाता है एबोड ऑफ गॉड बनने वाला है. इसमें लोगों को धन देना है. लगभग 3 से चार लाख कार्यकर्ता मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह करेंगे.
बड़ी रकम के लिए दी जाएगी रसीद
चंपत राय ने बताया कि जिस क्षेत्र में परिचित लोग होंगे, वह उस क्षेत्र में ही धन संग्रह करेंगे. 10 रुपये सौ रुपये और 1000 मूल्य के कूपन तैयार किए जाएंगे. अगर इससे ज्यादा धन किसी को देना है तो उसकी रसीद अलग से दी जाएगी. मार्च के महीने से बहुत से लोग ट्रस्ट के खाते में डायरेक्ट पैसा जमा कर रहे हैं. अब तक लगभग लगभग 80 से 85 करोड़ रुपये अब तक आ चुके हैं.