वाराणसी: शुक्रवार को श्री रामजन्म भूमि के मध्यस्थता समाप्त होने पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का बयान आया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर श्वेत पत्र जारी होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुलझाने के लिए ऐतिहासिक मौका दिया था. लेकिन इस मौके को जिन लोगों ने विफल किया है, उन्हें इस पर कारण बताना चाहिए.
मंदिर विवाद पर बोलते चक्रपाणि महाराज.
क्या बोले चक्रपाणि महाराज
- सरकार तीन तलाक और एससी एसटी जैसे मामलों पर यदि कानून बना सकती है तो राम जन्मभूमि पर क्यों नहीं.
- अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी को किया भंग
- श्री रामजन्म भूमि को लेकर बनाई गई मध्यस्थता कमेटी द्वारा किसी भी निर्णय पर न पहुंचने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे भंग कर दिया.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी द्वारा इस पूरे मामले पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका.
- मध्यस्थता कमेटी के भंग होने के बाद हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.
- माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी मध्यस्थता कमेटी द्वारा मामला सुलझाया जा सकता था.
- मध्यस्थता कमेटी तीने महीने के बाद भी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को भंग कर दिया.
हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज का कहना है इन सब मामलों पर अब राजनीति बहुत हो चुकी है. अब यह बंद होनी चाहिए और राम मंदिर पर कानून बनाकर भव्य मंदिर का निर्माण कराना चाहिए.
कुछ लोग नहीं चाहते कि यह विवाद खत्म हो, मध्यस्थता बहुत ही अच्छी चल रही थी. दोनों पक्षों को लेकर आपसी रजामंदी पर तैयारी हो रही थी, लेकिन कुछ लोगों की वजह से सफल नहीं हो पाई. इसीलिए वह लोग कौन हैं, यह देश के सामने आना चाहिए.
-चक्रपाणि महाराज, अध्यक्ष, हिंदू महासभा