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गली-गली खुल रहे चाय सुट्टा बार, दिखा रहे धूम्रपान निषेध नियम को ठेंगा, इन्हें क्यों नहीं रोकता प्रशासन - विश्व तंबाकू निषेध दिवस

बदले लाइफस्टाइल और स्टाइलिश दिखने की होड़ सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को बढ़ावा दे रही है. ऐसा ही कुछ अब वाराणसी में भी देखने को मिल रहा है. यहां हर गली में चाय सुट्टा बार देखने को मिल जाते हैं. आईए जानते हैं ये चाय सुट्टा बार क्या है, धूम्रपान निषेध नियम के तहत इन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही.

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Published : Jun 2, 2023, 4:26 PM IST

वाराणसी में चाय सुट्टा बार पर संवाददाता गोपाल मिश्रा की रिपोर्ट

वाराणसी: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान न करने और तंबाकू से तौबा करने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से अभियान चलाए जाते हैं. पुलिस भी लोगों को जागरूक करने के लिए कैंपेन चलाती है. लेकिन, क्या वाकई में यह कैंपेन कारगर हैं और क्या सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान न करने की जो शर्तें और नियम है, उसका पालन हो रहा है. शायद इनका जवाब न में मिलेगा.

इसकी बड़ी वजह यह है कि मेट्रो सिटीज में बदले लाइफस्टाइल और स्टाइलिश दिखने की होड़ सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को बढ़ावा दे रही है. खास तौर पर बड़े जिलों में खुल रहे चाय सुट्टा बार इस नियम को ठेंगा दिखा रहे हैं. बनारस में इनकी मानो बाढ़ सी आ गई है. इसकी वजह से सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने के नियम टूट रहे हैं.

धूम्रपान निषेध कानून के बारे में अहम जानकारी

दरअसल चाय सुट्टा बार एक नया कॉन्सेप्ट है, जो धीरे-धीरे हर बड़े जिले में दिखाई देने लगा है. छोटी सी जगह में चाय की स्टॉल और सिगरेट पीने की व्यवस्था के साथ बैठकर सुट्टा लगाने की व्यवस्था अधिकांश चाय की दुकानों पर देखने को मिलती है. सबसे बड़ी बात यह है कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पूरी तरह से वर्जित है, लेकिन जगह-जगह खुल रही इस तरह की चाय की दुकान है, निश्चित तौर पर नियमों की अनदेखी कर रही हैं.

वाराणसी में भी देखते ही देखते अलग-अलग इलाकों में इस तरह की दर्जनों दुकानें खुल गई हैं. जहां पर चाय के साथ कश लगाने की व्यवस्था दी जाती है. बाकायदा टेबल पर लाइटर वैसे भी मौजूद होती है, जो नियमों की धज्जियां उड़ाने के लिए काफी है. हालांकि जब इस बारे में अधिकारियों से बातचीत की जाती है तो वह अपना पल्ला दूसरे विभागों पर झाड़ देते हैं.

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की चीजों पर प्रतिबंध लगाना अलग-अलग विभागों और एजेंसियों का काम है. उनके विभागों के हेड को इन तरह की चीजों की निगरानी करनी चाहिए. पुलिस का काम है लोगों को अलर्ट करना और हम ऐसे मुद्दों पर भी अलर्ट करने का काम करेंगे. निश्चित तौर पर यह चीजें संज्ञान में आई हैं, तो उस पर कार्रवाई करते हुए अन्य लोगों को भी इस बारे में बताने का काम किया जाएगा. फिलहाल जो भी हो लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने का नियम गली-गली में चल रहे चाय सुट्टा बार नजर आ रहे हैं. जिस पर कोई कार्रवाई होती तो नहीं दिखाई दे रही.

क्या कहता है नियमःसार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना एक अपराध है, यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करते हुए पकड़े जाते हैं, तो कोई भी पुलिस अधिकारी आपको हिरासत में ले सकता है. साथ ही अधिकतम 200 रुपये का जुर्माना भी लगा सकता है.

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