वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की जिंदगी से चूल्हे के धुएं को हटाकर उनकी जिंदगी को स्वस्थ बनाने का दावा किया था. इसी के साथ उज्जवला योजना की शुरुआत हुई थी. पूर्वांचल के बलिया से उज्जवला योजना शुरू की गई. इस योजना की शुरुआत पूर्वांचल से हुई, लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? चलिए आपको बताते हैं?
दरअसल, ग्रामीण परिवेश में चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिलाओं को धुएं के गुबार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की. मुफ्त में गैस सिलेंडर कनेक्शन देने के साथ ही इस योजना का लाभ घर-घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने व्यापक स्तर पर अभियान भी चलाएं. देखते ही देखते पूरे देश में करोड़ों की संख्या में गैस कनेक्शन बंटे गए. अकेले पूर्वांचल में 24 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन महिलाओं में वितरित किए गए. इसके बाद इस योजना की हर प्लेटफार्म पर से पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी और बीजेपी नेताओं जमकर तारीफ शुरू कर की.
विभाग और एजेंसी करती है निगरानीः वाराणसी में इस योजना का लाभ 2,31,000 महिलाओं तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया गया. इस बारे में डिस्टिक सप्लाई ऑफिसर उमेश चंद्र मिश्र ने बताया कि वाराणसी में 2,31,000 महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन का वितरित भी किया जा चुका है. उनका कहना है कि इस वितरण के बाद यह निगरानी प्रॉपर तरीके से की जाती है कि जो गैस कनेक्शन महिलाओं को दिए गए हैं. उनका इस्तेमाल उन्हीं के द्वारा हो रहा है या नहीं. उसको मेंटेन रखा जा रहा है कि नहीं. रिफिलिंग हो रही है या नहीं इन सभी चीजों की विभाग के साथ ही कंपनी और एजेंसी भी निगरानी करती रहती हैं.