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उज्ज्वला योजना का कड़वा सच आया सामने, महंगाई के कारण नहीं रिफिल हो रहे गैस सिलेंडर

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना के तहत वाराणसी में 2,31,000 से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं. लेकिन, इनकी रिफिलिंग काउंटिग कहीं न कहीं सरकार के दावों पर सवाल खड़ा कर रही है. महिलाओं को चूल्हे के खतरनाक धुएं से बचाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी. लेकिन, इसकी जमीनी हकीकत वास्तविकता से कोसों दूर है.

Ujjwala scheme Central government
Ujjwala scheme Central government

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Published : Aug 3, 2023, 12:52 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 1:57 PM IST

जिला आपूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र मिश्र.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की जिंदगी से चूल्हे के धुएं को हटाकर उनकी जिंदगी को स्वस्थ बनाने का दावा किया था. इसी के साथ उज्जवला योजना की शुरुआत हुई थी. पूर्वांचल के बलिया से उज्जवला योजना शुरू की गई. इस योजना की शुरुआत पूर्वांचल से हुई, लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? चलिए आपको बताते हैं?

दरअसल, ग्रामीण परिवेश में चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिलाओं को धुएं के गुबार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की. मुफ्त में गैस सिलेंडर कनेक्शन देने के साथ ही इस योजना का लाभ घर-घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने व्यापक स्तर पर अभियान भी चलाएं. देखते ही देखते पूरे देश में करोड़ों की संख्या में गैस कनेक्शन बंटे गए. अकेले पूर्वांचल में 24 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन महिलाओं में वितरित किए गए. इसके बाद इस योजना की हर प्लेटफार्म पर से पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी और बीजेपी नेताओं जमकर तारीफ शुरू कर की.

विभाग और एजेंसी करती है निगरानीः वाराणसी में इस योजना का लाभ 2,31,000 महिलाओं तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया गया. इस बारे में डिस्टिक सप्लाई ऑफिसर उमेश चंद्र मिश्र ने बताया कि वाराणसी में 2,31,000 महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन का वितरित भी किया जा चुका है. उनका कहना है कि इस वितरण के बाद यह निगरानी प्रॉपर तरीके से की जाती है कि जो गैस कनेक्शन महिलाओं को दिए गए हैं. उनका इस्तेमाल उन्हीं के द्वारा हो रहा है या नहीं. उसको मेंटेन रखा जा रहा है कि नहीं. रिफिलिंग हो रही है या नहीं इन सभी चीजों की विभाग के साथ ही कंपनी और एजेंसी भी निगरानी करती रहती हैं.

कम हो रही रिफिलिंग की संख्याः ऐसे में जो लाभार्थी रिफिलिंग नहीं कराते हैं, तो उनके बारे में सवाल पूछने पर डिस्टिक सप्लाई ऑफिसर ने कहा, 'मान कर चलिए 35 से 40% लोग अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने या फिर किसी अन्य कारण से हर महीने गैस कनेक्शन नहीं रिफिल कराते, लेकिन एक-एक महीने के अंतराल पर लाभार्थी गैस कनेक्शन को जरूर रिफिल कराते हैं. हालांकि, वाराणसी में लगभग 80,000 से अधिक कनेक्शन रिफिल नहीं होते. इसका जवाब देते हुए मिश्र ने कहा कि गैस कनेक्शन की बुकिंग भले ही हर महीने ना होती हो. लेकिन, अपनी जरूरत के हिसाब से लाभार्थी इसकी बुकिंग कराते हैं और हर महीने गैस रिफिलिंग का प्रयास करते हैं.

37 करोड़ रुपये हुए खर्चः वाराणसी जिला पूर्ति अधिकारी के अनुसार, 2016 से उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन देने का काम किया जा रहा है. सरकार पिछले 7 साल में 2,31,000 से अधिक घरों को गैस कनेक्शन देकर महिलाओं के जीवन को बचाने का सार्थक काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में महिलाओं के सामने यह विकल्प नहीं था. लेकिन, इस सरकार में यह विकल्प होने से अब तक 2,31,566 गैस कनेक्शन उज्जवला योजना के तहत दिए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि 2016 से 2022 तक 37 करोड़ उज्जवला योजना पर खर्च हुए हैं. गैस कनेक्शन देते समय सिलेंडर रेगुलेटर और पाइप भी निःशुल्क दिया जाता है.

यहां देखे आंकड़ेंः

वर्ष कनेक्शन
2016 53888
2017 5501
2018 84804
2019 31552
2020 279
2021 44680
2022 10862
2023 अभी जारी है.

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Last Updated : Aug 3, 2023, 1:57 PM IST

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