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तालाब की जमीन काशी विद्यापीठ के नाम करने के आरोप में महाराज समेत आठ पर मुकदमा - pond land in name kashi vidyapeeth

वाराणसी के राजा तालाब तहसील क्षेत्र के शिवसागर गांव में जमीन का विवाद एसडीएम कोर्ट में पहुंच चुका है. चलिए जानते हैं पूरे मामले के बारे में.

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तालाब की जमीन

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Published : Jul 16, 2022, 3:16 PM IST

वाराणसी: राजा तालाब तहसील क्षेत्र के शिवसागर गांव में 1.40 हेक्टेयर जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया है. यह मामला एसडीएम कोर्ट में पहुंच गया है. काशी के महाराज अनंत नारायण सिंह ने तालाब की जमीन का पट्‌टा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को कर दिया. विद्यापीठ ने उस पर कब्जा कर लिया. प्रकरण को लेकर एडवोकेट प्रदीप ने महाराजा अनंत नारायण सिंह और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति / कुलाधिपति सहित 8 लोगों को पक्ष बनाते हुए एसडीएम राजातालाब की कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया है. कोर्ट ने महाराजा अनंत नारायण सिंह और काशी विद्यापीठ सहित सभी आठ पक्षकारों को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तिथि चार अगस्त तय की है.

वाराणसी के राजा तालाब तहसील क्षेत्र के शिवसागर गांव में आराजी संख्या-40 की 1.400 हेक्टेयर जमीन तालाब की है. प्रदीप कुमार के अनुसार वर्ष 2005 में तालाब की जमीन का पट्टा महाराज की ओर से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को ग्रामीण चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना के उदेश्य से किया गया. इसको लेकर प्रदीप कुमार सिंह के द्वारा यह आपत्ति की गई कि जिस जमीन का पट्‌टा किया जा रहा है वह सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित सरकारी जमीन है. फिर भी प्रदीप कुमार सिंह की आपत्तियों को दरकिनार कर कुलाधिपति ने काशी विद्यापीठ के नए परिसर का उस जमीन पर उद्घाटन कर दिया.

शिकायकर्ता प्रदीप कुमार सिंह ने दी यह जानकारी.
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प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि मामले में नया मोड़ तब आया जब महाराज अनंत नारायण सिंह की ओर से राजातालाब के तहसीलदार न्यायिक के यहां नामांतरण मुकदमे में आपत्ति की गई. जमीन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को ग्रामीण चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना के उदेश्य से दी गई थी लेकिन, वहां पर चिकित्सा संस्थान की जगह कृषि संकाय की स्थापना कर दी गई. यह पट्टे की शर्तों का उल्लंघन है इसलिए पट्टा निरस्त किया जाए.

प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि उनके अधिवक्ता मनीष कुमार सिंह और पुष्पराज मौर्य ने उप जिलाधिकारी राजातालाब के समक्ष के मुकदमा प्रस्तुत किया है. आराजी संख्या-40 की 1.40 हेक्टेयर जमीन शिवसागर तालाब के नाम से दर्ज है इसलिए यह सरकार की जमीन है. महाराज को यह अधिकार नहीं था कि वह तालाब का पट्टा विद्यापीठ के नाम कर दें. विद्यापीठ को भी यह अधिकार नहीं था कि वह महाराज से तालाब की जमीन का कब्जा स्वीकार करें इसीलिए अवैधानिक पट्टा निरस्त करने के लिए मुकदमा उप जिलाधिकारी के समक्ष दाखिल किया गया है. उप जिलाधिकारी राजातालाब ने मुकदमे में विद्यापीठ और महाराज सहित आठों पक्षकारों को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए अगली डेट 4 अगस्त नियत की है.

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