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गंगा के रौद्र रूप में समाया काशी का कारोबार, व्यापारियों को हो रहा करोड़ो का नुकसान

काशी में इन दिनों गंगा नदी उफान पर है, नदी के बढ़े जलस्तर के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है. नदी के बढ़े जलस्तर के कारण वाराणसी के व्यापारियों की आय कम हो गई है.

काशी में बाढ़ के कारण व्यापारियों की आय घटी
काशी में बाढ़ के कारण व्यापारियों की आय घटी

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Published : Sep 2, 2022, 10:24 PM IST

वाराणसी:काशी में इन दिनों मां गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. गंगा के भयावह स्वरूप ने न सिर्फ घाटों पर रहने वाले लोगों को तबाह किया है, बल्कि उन व्यापारियों के लिए भी दिक्कत बढ़ा दी है जो घाटों के किनारे अपना व्यवसाय करते हैं. बाढ़ की विभीषिका का सबसे ज्यादा नुकसान होटल व साड़ी कारोबारियों को हो रहा है. बाढ़ के कारण न सिर्फ दुकानें पानी में डूब गई हैं बल्कि आने वाले दिनों का व्यापार भी ठप हो गया है.

बाबा विश्वनाथ का भव्य धाम बनने के बाद काशी के होटल व साड़ी कारोबार को एक नई उड़ान मिली है. कॉरिडोर बनने के बाद इनके व्यापार में जबरदस्त उछाल आया और कोरोना काल में हुए सभी व्यापारिक घाटों से लगभग निजात मिल गई. घाटे पूरा कर ये व्यापारी आगे कदम बढ़ा रहे थे इसी बीच गंगा की तेज धारा ने फिर से इन व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

वाराणसी में बाढ़ के कारण व्यापारियों की आय घटी
होटलों की बुकिंग कैंसिल, बुनकरी पर लगा ब्रेक साड़ी कारोबारियों को मिले ऑर्डर अब समय से पूरे नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, होटल कारोबार में आगामी 15 दिनों तक के जबरदस्त कैंसिलेशन के आकड़ों ने कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है. साड़ी व्यापारी व वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन बहल बताते हैं कि बाढ़ के कारण हमें व्यापार में दो तरह का नुकसान हुआ है. बड़ा नुकसान ये है कि बनारस का बुनकर इलाका जलमग्न हो गया है, जिसके कारण साड़ी के बुनकरी पर ब्रेक लग गया है. साड़ी कारोबारियों को बीस फीसदी का हुआ घाटाराजन बहल ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभाव नवरात्र के बाजार पर पड़ा है. जिसमें बनारसी साड़ियों की डिमांड ज्यादा होती है. इसके ऑर्डर भी खूब मिले हैं, लेकिन अब वो ऑर्डर समय पर पूरे नही हो पाएंगे. ऐसे में इस नवरात्र के बाजार में हम व्यापारियों को लगभग 20 प्रतिशत का घाटा हुआ है. वहीं, दूसरी ओर पर्यटकों का न आना भी नुकसान दे रहा है.होटल कारोबार को हुआ 40 से 50 फीसदी का नुकसान होटल कारोबारी व टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि वाराणसी में लगभग 50 फीसदी छोटे-बड़े होटल गंगा किनारे के स्थित हैं. गंगा में बाढ़ आ जाने के कारण ये सभी होटल जलमग्न हो जाते हैं. ऐसे में पर्यटक होटल तक नही पहुंच पा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि सभी होटल खाली चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ से आ रही परेशानियों के कारण आगामी लगभग 15 दिनों की बुकिंग भी कैंसिल हो गयी है. शहर के सभी होटल के आंकड़े देखें तो लगभग 40 से 50 फीसदी का नुकसान हुआ है.

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