वाराणसी: भारत में दिन प्रतिदिन पर्यटन बढ़ता जा रहा है. जिसका एक बड़ा उदाहरण धर्म नगरी काशी में देखने को मिल रहा है. शंघाई देशों की सांस्कृतिक राजधानी बनने के बाद काशी में पर्यटन चौगुने आंकड़ों के अनुसार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में काशी आने वाले मेहमानों को उत्तर प्रदेश के पर्यटन से रूबरू कराने के लिए वाराणसी पर्यटन विभाग ने एक नया प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत अब सभी विदेशी पर्यटकों व डेलिगेट्स को एक खास तरीके के साहित्य भेंट किए जाएंगे. जो शिव, वैष्णव और बुद्ध तीनों धर्मों के प्रमुख तीर्थ व पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएगा.
अयोध्या पर्यटन स्थल की किताब किताबों के जरिए काशी, अयोध्या और बुद्ध सर्किट की सैर: बड़ी बात यह है कि इन साहित्य में धर्म नगरी काशी से लेकर के आयोध्या तक का जिक्र है. यही नहीं बकायदा यहां की कला, संस्कृति, प्रमुख खानपान, कलाकृति, शिल्प कला व धार्मिक व पर्यटन स्थलों के बारे में भी सभी प्रकार की जानकारी लिखी गई है. इसमें एक मानचित्र को भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि पर्यटकों को सभी पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो सके और सात समंदर पार बैठा भी मेहमान यदि उत्तर प्रदेश में आना चाहें तो इन साहित्य के जरिए आसानी से यहां के हर स्थान पर घूम सके.
विदेशी पर्यटकों को काशी, अयोध्या और बौद्ध सर्किट यात्रा के लिए किताब जारी पहली बार तैयार की गई है टूरिस्ट लिटरेचर: पर्यटन विभाग के उपनिदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि वाराणसी में लगातार विदेशी पर्यटकों का डेलिगेशन आ रहा है. ऐसे में वह सिर्फ वाराणसी को ही डिस्कवर न करें, बल्कि आसपास के जनपदों के टूरिस्ट स्थानों को भी देख सकें. इसको लेकर के पहली बार टूरिस्ट लिटरेचर पर किताब तैयार की गई है. इन किताबों को तीन भागों में बांटा गया है.
तीन भागों में उपलब्ध है किताब: प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि किताब के पहले में वाराणसी व आसपास के टूरिज्म, दूसरी में अयोध्या और तीसरी किताब बुद्ध सर्किट के ऊपर तैयार की गई है. इन किताबों में सभी स्थानों का जिक्र किया गया है. वाराणसी की किताब में यहां के खानपान,पर्यटन,धर्म स्थल,कला, संस्कृति, परंपरा, शिल्प इत्यादि सभी प्रकार की जानकारी दी गई है. तो वहीं दूसरी ओर नव्य तरीके से तैयार हो रहे. अयोध्या में नवीन परिवर्तन, पौराणिक, धार्मिक और पर्यटन स्थल वहां की परंपरा का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश में जितने भी बौद्ध धर्म से रिलेटेड है धार्मिक स्थल है. उनका भी जिक्र किया गया है ताकि स्थानों पर पर्यटक जा सके.
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