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बीएचयू में होगा सबसे सस्ता बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन, गरीब भी करा सकेंगे इलाज

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Published : Feb 11, 2020, 4:23 AM IST

वाराणसी के बीएचयू में अब सबसे सस्ता बोन मैरो ट्रांसप्लांट होगा. ट्रामा सेंटर परिषद स्थित बोन मैरो ट्रांसप्लांट एंड स्टेम सेल रिसर्च सेंटर में अब यह इलाज संभव हो पाएगा. इस बात की जानकारी बीएचयू के कुलपति ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी.

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बीएचयू.

वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में अब सबसे सस्ता बोन मैरो ट्रांसप्लांट होगा. ट्रामा सेंटर परिषद स्थित बोन मैरो ट्रांसप्लांट एंड स्टेम सेल रिसर्च सेंटर में अब यह इलाज संभव हो पाएगा. दरअसल हाल ही में 2018 से कैंसर पीड़ित 51 वर्षीय गाजीपुर की एक महिला का चिकित्सकों की टीम ने पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया. इस बात की जानकारी बीएचयू के कुलपति ने पत्रकार वार्ता कर दी.

अब सस्ते में होगा बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन.

बोन मैरो ट्रांसलेशन थेरेपी
प्रो. राकेश भटनागर ने बताया कि बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन एंड स्टेम सेल रिसर्च सेंटर बीएचयू में खुला है. 51 साल की एक महिला का इलाज हुआ, जो ब्लड कैंसर से पीड़ित थी. मरीज को कैंसर फिर हो सकता है. इसके लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन थेरेपी होती है. पहली बार बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में यह थैरेपी की गई. यह थैरेपी डॉक्टर के. के. गुप्ता ने की. बोन मैरो की सुविधा बीएचयू में शुरू हो चुकी है. अब इस रिजर्व के मरीजों को अब दिल्ली या दूर जाने की जाने की जरूरत नहीं होगी. थैरेपी के खर्च कर सवाल पर वीसी ने कहा जितना प्राइवेट अस्पताल में खर्च आता है, उसका करीब-करीब 10 प्रतिशत ही खर्चा आएगा.

वहीं प्रोफेसर कैलाश कुमार गुप्ता ने बताया कि ब्लड कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है. हफ्ते भर की ओपीडी में 4 से 5 कैंसर के मरीज आते हैं. हम लोग कीमोथेरेपी देकर उन्हें जीवित रखते थे. इनके पास पैसा होता तो वह अपना इलाज करा लेते थे. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी नो प्रॉफिट पर ऑपरेशन कर रहा है. इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने जो भी सुविधा दी है, वह बिल्कुल फ्री है.

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