वाराणसी: नगर निकाय चुनाव जल्द होने वाले हैं और इसे लेकर सभी पार्टी अपने स्तर पर तैयारियां जोर शोर से कर रही हो. बीजेपी हर छोटे चुनाव को भी बड़े स्तर पर देखती है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस (PM Modi parliamentary constituency Banaras) में नगर निकाय चुनावों को लेकर बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसे लेकर खुद पार्टी संगठन दिल्ली से इसकी निगरानी कर रहा है.
निकाय चुनाव के लिए बीजेपी की बनारस में विशेष प्लानिंग पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने अपने वाराणसी दौरे पर भी नगर निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों से चर्चा की थी. इसी वजह से निकाय चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी ने सबसे पहली प्लानिंग संयोजकों की नियुक्ति के लिए की है. यह संयोजक जिला स्तर, विधानसभा स्तर और वार्ड स्तर पर नियुक्त किए गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वार्ड स्तर पर नियुक्त किया जा रहा है. संयोजक उस वार्ड के रहने वाले न हो इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
इस पूरी प्लानिंग के बारे में भारतीय जनता पार्टी के काशी महानगर के पदाधिकारी और नगर निकाय चुनावों में क्षेत्रीय संयोजक के रूप में नियुक्त किए गए जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि हम इस बार के निकाय चुनाव में कोई भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि हमने तैयारियां शुरू कर दी हैं. हर एक वार्ड के लिए रणनीति तैयार की गई है. हर वार्ड के लिए संयोजक और सहसंयोजक अपना काम संभाल रहे हैं. हर मतदाता तक पहुंचने के साथ ही बेहतर प्रत्याशी का चयन हो, यह विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
नगर निकाय चुनाव के लिए हर वार्ड हर बूथ और निकाय में जीत मिले. यही प्लानिंग बीजेपी ने की है, क्योंकि इस बार 100 वार्डों में से दो तिहाई को जीतने की योजना बनाई गई है. इसलिए सभी वार्डों में संयोजक और सहसंयोजक बनाए जा रहे हैं. यह दोनों पदाधिकारी उस वार्ड के बाहर के हैं. इसके पीछे की मंशा यह है कि बाहर के या दूसरे वार्ड के पदाधिकारियों की नियुक्ति पारदर्शिता के साथ कार्य को आगे बढ़ाएगी.
बीजेपी ने चुनाव को जीतने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को वाराणसी नगर निगम निकाय चुनाव का प्रभारी बनाया है, जबकि राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव को सह प्रभारी और महानगर के महामंत्री जगदीश त्रिपाठी को संयोजक बनाया गया है. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि संयोजक और सहसंयोजक नियमित रूप से पार्टी के पदाधिकारियों और नीचे के स्तर के पदाधिकारियों के साथ दिन में एक बार बैठक भी जरूर कर रहे हैं. साथ ही बूथ के मतदाता सूची के प्रभारियों की नियुक्ति भी की जा रही है. सभी की जिम्मेदारी तय की जा रही है और लोगों के बीच पहुंचकर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं को बताया जा रहा है.
सभी जिम्मेदार लोगों की सक्रिय भूमिका के साथ जीत सुनिश्चित करने की प्लानिंग भी की जा रही है. जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि संयोजक और सहसंयोजक इस पूरे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे. यही वजह है कि इनकी नियुक्ति को लेकर विशेष ध्यान दिया गया है. 100 वार्ड में लगभग 100 से ज्यादा संयोजकओ और इतने ही सहसंयोजकों की नियुक्ति की गई है.
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