वाराणसी:नगर निकाय चुनाव (municipal elections 2022) को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. हर राजनीतिक दल हर वार्ड जीतकर अपने मजबूत होने का दावा कर रहा है. इसे लेकर आरक्षण आने से पहले ही काफी गहमागहमी की स्थिति दिखाई दे रही है. हर वार्ड में जीतने वाले प्रत्याशियों पर दांव खेलने की तैयारी हर राजनीतिक दल ने कर रखी है. इन सब के बीच बीजेपी की तैयारियां कुछ अलग और नए सिरे से देखने को मिल रही हैं. वाराणसी के काशी क्षेत्र में 16 जिले आते हैं. इनमें वाराणसी के अलावा आसपास के कई जिले शामिल हैं. जिसे जीतने के लिए बीजेपी ने तैयारियां कर ली है.
जानकारी देते हुए निकाय चुनाव बीजेपी संयोजक जगदीश त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी महानगर महामंत्री और वाराणसी नगर निकाय चुनाव में पार्टी की तरफ से संयोजक बनाए गए जगदीश त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस बार के चुनावों के लिए बीजेपी तैयारियां शुरू कर चुकी है. हर वार्ड जीतने के उद्देश्य से पार्टी इस बार मैदान में उतर रही है. पिछली बार भारतीय जनता पार्टी सदन में बहुमत के साथ नहीं थी और सपा और कांग्रेस के भी पार्षदों ने अच्छी खासी जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार हर वार्ड जीतने के उद्देश्य से बीजेपी निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है.
जगदीश त्रिपाठी ने बताया कि इसके लिए वाराणसी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) को प्रभारी बनाया गया है. उन्होंने हाल ही में बैठक करके पहली बार बीजेपी की स्थिति को मजबूत करने के लिए 10-10 वार्ड को बांट कर तैयारियों को आगे बढ़ाने के लिए कहा है. इसका उद्देश्य यह है कि हर 10 वार्ड की जिम्मेदारी एक पालक को दी जाएगी. यह पहली बार पद सृजित किया गया है. इस पद पर प्रदेश स्तर के नेताओं की नियुक्ति की जाएगी.
इसमें पूर्व महापौर पूर्व उपमहापौर, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों को शामिल किया जा रहा है. इनकी जिम्मेदारी हर वार्ड में जातिगत धार्मिक और अन्य आधार पर वहां के वोटर की स्थिति को जानते हुए प्रत्याशियों का चयन करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होगा. हर वार्ड में प्रत्याशी सही तरीके से चयनित हो इस पूरे काम की जिम्मेदारी इन्हीं पालकों को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि, यह प्रयास सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि बीजेपी के द्वारा प्रदेश के हर जिले में किया जाएगा. ताकि निकाय चुनाव में बीजेपी मजबूती के साथ चुनाव लड़े और हर वार्ड जीतकर बहुमत के साथ सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सके.
यह भी पढ़ें-काशी में तमिल संगमम, 1800 किलोमीटर बाइक चलाकर तमिलनाडु से वाराणसी आया दंपति