वाराणसी: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. पीएम मोदी के गढ़ में बीजेपी को अपनी पार्टी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का कोई प्रत्याशी ही नहीं मिला. इसके बाद काशी विद्यापीठ ब्लॉक से निर्दलीय जीत कर आई जिला पंचायत सदस्य पूनम मौर्या को पहले बीजेपी में शामिल किया गया और फिर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने का फैसला भी ले लिया. पूनम मौर्या ने शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकन दाखिल करने के बाद ETV BHARAT से पूनम ने बातचीत करते हुए बीजेपी में आने की वजह तो बताई ही साथ में जीत का भी दावा किया.
निर्दलीय से भाजपाई बनी उम्मीदवार का दावा-भले ही आठ वोटर लेकिन जीतेंगे हम
वाराणसी में निर्दलीय चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुईं पूनम मौर्या ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन किया है. पूनम मौर्या ने ETV BHARAT से बातचीत के दौरान बीजेपी में आने की वजह तो बताई ही साथ में जीत का भी दावा किया.
निर्दलीय जीतकर भाजपा में शामिल हुईं पूनम मौर्या
पूनम मौर्या ने भले ही बीजेपी ज्वाइन कर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. लेकिन उनके परिवार का बैकग्राउंड समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है. भाई और घर के कई सदस्य समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं, लेकिन पूनम ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा बीजेपी के ही कैंडिडेट को चुनाव में हराया. इसके 13 मई को बीजेपी की सदस्यता लेकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि राजनीति में कुछ भी संभव है.
भाजपा के 8 ही जिला पंचायत सदस्य
13 मई को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद 14 मई को ही बीजेपी ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया. जिसके बाद एक बार विपक्ष को भी हमला करने का मौका मिला. हालांकि पूनम मौर्या ने दावा किया कि इस बार बीजेपी का ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनने जा रहा है. जब उनसे यह पूछा गया कि बीजेपी के तो सिर्फ 8 सदस्य ही जीते हैं तो यह संभव कैसे होगा. इस पर उनका कहना था कि हमारे पास पर्याप्त वोट उपलब्ध है और हम हर हाल में जीतेंगे. समाजवादी पार्टी के बैकग्राउंड के बाद बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर पूनम मौर्या ने कहा कि हम पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में रहते हैं और उनके कार्यों को देखकर काफी प्रभावित थीं. जिसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन करने का फैसला किया.
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कौन हैं पूनम मौर्या?
दरअसल पुणे विद्यापीठ सेक्टर नंबर 3 से जिला पंचायत सदस्य पूनम बीएससी, बीएड हैं. इनका परिवारिक बैकग्राउंड भी काफी लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय है. पूनम मौर्या के पति कुंवर वीरेंद्र जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. जबकि ससुर मोतीलाल शास्त्री अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा सास रुक्मणी देवी मडवाडी ग्राम प्रधान भी रह चुकी है.