वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी 28 साल की बादशाहत को कायम रखा है. मेयर पद पर 1995 के बाद से बीजेपी का कब्जा था और इस बार भी भारी मतों से बीजेपी प्रत्याशी अशोक तिवारी ने जीत हासिल की है. सबसे बड़ी बात है कि इतिहास में नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा अंतर है, क्योंकि पिछले बार वाराणसी में बीजेपी प्रत्याशी मृदुला जायसवाल ने लगभग 79,000 वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं, इस बार यह अंतर 1,33137 रहा है और समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर जगदीश कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही है.
नगर निकाय चुनावों में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत मिली है. इसके बाद हर तरफ जश्न मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी 100 वार्ड में से लगभग 63 वार्ड पर बीजेपी ने जीत हासिल की है और मेयर पद पर भी जीत के करीब है. वहीं, गंगापुर नगर पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी पर भी बीजेपी की प्रत्याशी स्नेह लता ने 301 मतों से जीत हासिल कर ली है. वही वाराणसी में महापौर की सीट पर भी बीजेपी का कब्जा हो गया है.
फिलहाल वाराणसी में महापौर पद के भाजपा उम्मीदवार अशोक तिवारी ने पहले राउंड से ही अपनी बढ़त बनाना शुरू कर दिया था और तीसरे राउंड तक उन्होंने अपने निर्णायक बढ़त को बढ़ाते हुए 10 में राउंड तक इसे जीत की तरफ अग्रसर कर दिया था. सूचना विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में शाम लगभग 6:26 पर खत्म हुए 16 राउंड में भारतीय जनता पार्टी के अशोक तिवारी 1,77,613 वोट पाकर पहले नंबर पर और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह 97,508 वोट पाकर दूसरे नंबर पर बने हुए थे.
तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अनिल श्रीवास्तव 62173 वोट पाकर कायम थे. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी सुभाष चंद्र मांझी को 20,370 वोट 16 राउंड तक मिले हैं. फिलहाल समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से बीजेपी प्रत्याशी लगभग 80,000 वोटों से आगे चल रहे थे, जो वोटों की गिनती बढ़ने के साथ ही अंतर के रूप में भी बढ़ना जारी रहा और 26 में और अंतिम राउंड में यह जीत का अंतर 1,33,000 को भी पार कर गया.