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बीमार पड़े वाराणसी के इस अस्पताल को योगी सरकार ने दी संजीवनी - वाराणसी में जच्चा-बच्चा अस्पताल

वाराणसी के बेनियाबाग इलाके में स्थित बिरला अस्पताल कभी सरकारी अस्पतालों में जाना माना अस्पताल था. यहां हजारों की संख्या में मरीजों का इलाज होता था. लेकिन सिस्टम की अनदेखी के कारण यह अस्पताल दम तोड़ने लगा है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह ने बताया कि इस अस्पताल के जीर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है. इसे पुनः संचालित किया जाएगा.

राजा बलदेव दास बिरला अस्पताल
राजा बलदेव दास बिरला अस्पताल

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Published : Jun 7, 2021, 6:10 AM IST

वाराणसीः कोरोना महामारी के दौर में मरीजों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए अस्पतालों में नए बेड की व्यस्था की जा रही है. साथ ही नए अस्पताल का निर्माण कर किया जा रहा है. वहीं अब शासन की अनदेखी के कारण कुछ सरकारी अस्पताल दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक अस्पताल है वाराणसी का बिरला अस्पताल जो बीते 18 सालों से दम तोड़ रहा है. योगी सरकार के आदेश के बाद वाराणसी नगर निगम द्वारा अस्पताल के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया गया है. अब 18 साल बाद फिर से बिरला अस्पताल अपने पुराने कलेवर में लौटेगा.

फिर से संचालित होगा वाराणसी का बिरला अस्पताल
10 बेडों की होगी सुविधा
वाराणसी के बेनियाबाग इलाके में स्थित बिरला अस्पताल कभी सरकारी अस्पतालों में जाना माना अस्पताल था. यहां हजारों की संख्या में मरीजों का इलाज होता था. लेकिन सिस्टम की अनदेखी के कारण यह अस्पताल दम तोड़ने लगा है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह ने बताया कि इस अस्पताल के जीर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है. इसे पुनः संचालित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी इसमें 10 बेड की सुविधा शुरू की जाएगी, उसके बाद इन व्यवस्थाओं को और आगे बढ़ाया जाएगा. पहले अस्पताल में जच्चा-बच्चा केंद्र था. यहां बच्चों का उपचार किया जाता था और वर्तमान में भी बच्चों का इलाज किया जाएगा. आगे इसे अलावा इसे मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसिक किए जाने का प्लान है.

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मंडलीय अस्पताल पर कम पड़ेगा बोझ

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल की कमी महसूस की गई. यह राज बलदेव दास बिरला अस्पताल किन्हीं कारणों से कई सालों से बंद था. अब इसे दोबारा संचालित करने किया जाएगा. अस्पताल के संचालित होने से मंडलीय अस्पताल पर 25 प्रतिशत भार कम होगा और शहर में रहने वाले लाखों की आबादी को लाभ मिलेगा.

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