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छोटी सी दुकान में टूट रहें काशी की बेटी के बड़े सपने - wrestler astha

जिन्दगी का दस्तूर कभी-कभी इंसान को बैकफूट पर आने को मजबूर कर देता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला मोक्षनगरी वाराणसी में जहां एक बेटी की प्रतिभा पैसे की मार और जिन्दगी की अड़चनों से हार रही है. कई दंगल प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुकीं आस्था अपने मां के साथ फूलमाला की दुकान पर बैठने को मजबूर हैं. उनका परिवार इस प्रकार सक्षम नहीं है कि खेल के प्रति उनके लगाव में बढ़ेतरी के लिए आस्था की आर्थिक मदद कर सके.

रेस्लर आस्था

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Published : Feb 24, 2019, 11:04 PM IST

वाराणसी : काशी की बेटियां हर तरह से मजबूत हैं और ये बात वो कदम-कदम पर साबित भी करती हैं, लेकिन कभी-कभी ज़िन्दगी इतनी कठोर हो जाती है कि बड़े-बड़े सपने भी धराशायी हो जाते हैं.अपनी छोटी सी फूलमाला की दुकान में बैठकर ऐसे ही कुछ बड़े सपने दिल मे संजो कर रखे हैं काशी की एक बेटी आस्था ने.आस्था एक रेसलर हैंऔर कई स्टेट लेवल दंगल प्रतियोगिताओं में अपने शहर बनारस के लिए कई पदक भी जीत चुकी हैंपर गरीबी के कारण कहीं न कहीं उन्हें अपने सपनों को मारना पड़ रहा है.

फूलमाला की दुकाम पर बैठी आस्था
वाराणसी की दंगल गर्ल आस्था एक फूलमाला की छोटी सी दुकान लगा कर अपना घर चला रही हैं और साथ ही साथ अपनी रेसलिंग के लिए होने वाले खर्च भी उठा रही हैं.ज़िन्दगी मुश्किल ज़रूर है पर आस्था के मन की आस्था आज भीजीवित है.वाराणसी के प्रसिद्ध चिंतामणि गणेश मंदिर के सामने फूलमाला की दुकान लगाने वाली आस्था बताती हैं कि उनकीप्रतिदिमकीडाइटिंग का ही खर्च 700 से 800 के बीच आता है.सिर्फ दुकान से खर्च न चल पाने के कारण वो छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती हैं और अपने खर्च पूरे करने की कोशिश करती हैं.आस्था के सपने ज़रूर ऊंचे हैं पर अपना घर और भविष्य संभालने में कभी-कभी ऐसा भी समय आता है औरउनके इरादेडगमगाने लगतेहैं और उन्हेंलगने लगता है कि वोअपने सपनों के पीछे भागना छोड़ दें.पर आज भी अपने सपनों का दामन आस्था ने मजबूती से पकड़ा हुआ है.

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