वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी के जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कथा का श्रवण किया. कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने व्यास पीठ पर महामना को माल्यार्पण किया. श्रीमद भागवत कथा का वाचन व्यास पीठ पर विद्यमान, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. विंदेश्वरी प्रसाद मिश्र कर रहे हैं.
BHU के कुलपति ने किया श्रीमद भागवत कथा का श्रवण
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने शुक्रवार को श्रीमद भागवत कथा का श्रवण किया. विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी के जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है.
कथा श्रवण का बड़ा महत्व
कथा वाचन करते हुए प्रो. विंदेश्वरी प्रसाद मिश्र ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में श्रवण की बड़ी महिमा है. इसीलिए कथा श्रवण का अत्यंत महत्व है. उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा में बहुपठित के बजाए बहुश्रुत को विद्वान माना जाता है. भक्ति के मार्ग पर भी एवं ज्ञान के मार्ग पर भी श्रवण की अपनी महिमा है. उन्होंने कहा कि कानों से हम सिर्फ सुनने की क्रिया ही नहीं करते बल्कि साधना भी करते हैं और वह संभव होता है श्रवण करने, जो सुना है उस पर विचार करने एवं उसे अपने जीवन में उतारने से.
इससे पहले स्वागत संबोधन देते हुए मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में जहां किसी भी कार्यक्रम को करना एक चुनौती है. वहीं सभी मानकों का पालन करते हुए मालवीय जयंती महोत्सव का सुचारू आयोजन महामना से मिली प्रेरणा से ही संभव हो पाया है. इसी के साथ विश्वविद्यालय की परंपरा भी बनी हुई है. श्रीमद भागवत कथा श्रवण के लिए शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों समेत विश्वविद्यालय परिवार के अनेक सदस्य उपस्थित रहे.