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बीएचयू के छात्रों ने महामना के सहयोगी बचऊ वीर का मनाया शहादत दिवस - बचऊ वीर

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विश्वनाथ मंदिर के पास छात्रों ने बचऊ वीर का शहादत दिवस मनाया. शहादत दिवस के अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित करके छात्रों ने महामना के सहयोगी को याद किया एवं विश्वविद्यालय के लिए उनके बलिदान को शहादत दिवस के रूप में मनाया.

बीएचयू के छात्रों ने महामना के सहयोगी बचऊ वीर का मनाया शहादत दिवस.
बीएचयू के छात्रों ने महामना के सहयोगी बचऊ वीर का मनाया शहादत दिवस.

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Published : Sep 30, 2020, 6:35 AM IST

वाराणसी :काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विश्वनाथ मंदिर के पास छात्रों ने बचऊ वीर का शहादत दिवस मनाया. शहादत दिवस के अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित करके छात्रों ने महामना के सहयोगी को याद किया एवं विश्वविद्यालय के लिए उनके बलिदान को शहादत दिवस के रूप में मनाया. साथ ही छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से बचऊ वीर बाबा के नाम पर फैकेल्टी, हॉस्टल, पार्क, स्मृति, मूर्ति बनवाने का आग्रह किया है.

विश्वविद्यालय बनवाने में था अहम योगदान

बचऊ वीर का विश्वविद्यालय बनवाने में अहम योगदान था. वो पास के ही गांव के पहलवान थे. साथ ही महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के करीबी थे. विश्वविद्यालय बनवाने में किसी भी प्रकार के गांव वालों द्वारा अड़चन आने पर वह महामना के साथ हमेशा खड़े रहते थे. महामना उन्हें अपना मित्र मानते थे. छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय का निर्माण जो 1916 में हो रहा था उसी वक्त कुछ दबंगों द्वारा कार्य को रोका जा रहा था. महामना लोगों को समझाने पहुंचे फिर भी वह लोग नहीं माने. बचऊ वीर बाबा ने जब लोगों को समझाया उसके बाद लोगों ने उनके ऊपर हमला कर दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना से महामना को भी बहुत दु:ख पहुंचा था. छात्रों ने कहा कि आज विश्वविद्यालय उनके योगदान को भूल रहा है इसीलिए वो लोग उनकी शहादत को याद कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ी को बता रहे हैं.

बीएचयू छात्र संजय यादव ने बताया कि वो लोग भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के सहयोगी बचऊ वीर बाबा का शहादत दिवस मालवीय जी के प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर मनाया है. विश्वविद्यालय में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. जो आज की आने वाली पीढ़ी भूल रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन भी इसे दबा रहा है. छात्रों ने कहा कि वो सांची केंद्र और प्रदेश सरकार से यह मांग करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर बाबा के नाम पर एक स्मृति बनाया जाए.

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